एनीमिया मुक्त भारत अभियान की जिला समन्वय समिति की बैठक संपन्न
कटनी
कलेक्टर अवि प्रसाद की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर श्री प्रसाद ने निर्देशित किया कि एनीमिया मुक्त भारत अभियान अंतर्गत चारों विभाग मिलकर समन्वित कार्य करें । सभी बीएमओ अपने एसडीएम की अध्यक्षता में ब्लॉक स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित करें। एवं एनीमिक बच्चों को एनीमिया से मुक्त करने की रणनीति बनाऐं एवं प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करें । बच्चों को एनीमिया मुक्त करने के लिए संवेदनशीलता पूर्वक कार्य किया जाए। डिजिटल हीमोग्लोबीनोमीटर से बच्चों की एनीमिया की स्क्रीनिंग की जाए । श्री प्रसाद ने निर्देशित किया कि गंभीर रूप से एनीमिक बच्चों का परीक्षण कर ब्लड ट्रांसफ्यूसन आवश्यकतानुसार जिला चिकित्सालय में कराया जाये।
बैठक में सिविल सर्जन डॉक्टर यशवंत वर्मा ने बताया कि यह निरंतर चलने वाला अभियान है कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूली एवं आंगवाडी केन्द्र के बच्चों को 6 माह से 59 माह तक के बच्चों को आयरन सीरप, आंगनवाडी केंद्रों में पिलाई जाती है। 5 से 9 साल के बच्चों को आयरन की गुलाबी गोली हफते में एक बार शासकीय प्रायमरी स्कूलों में 10 से 19 साल तक के बच्चों को आयरन की नीली गोली हफ्ते में एक बार शासकीय मिडिल एवं हाईस्कूल स्कूलों में एवं गर्भवती तथा धात्री माताओं को आयरन की लाल गोली प्रतिदिन खिलाई जाती है । सिविल सर्जन डॉक्टर यशवंत वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग के समन्वय से आदेश प्रसारित कर दिए गए है।
कार्यक्रम का प्रस्तुतीकरण देते हुए न्युट्रीशनल इंटरनेशनल के संभागीय समन्वयक श्री योगेश शर्मा एवं एविडेंस एक्शन के क्षेत्रीय समन्वयक तरुण तिवारी ने बताया कि एनीमिया खून में हीमोग्लोबीन की कमी के कारण शरीर के अंगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता ।जिसके कारण स्वास्थ्य समस्याएं होती है। एनीमिया के लक्षणों में जल्दी थक जाना, सांस फुलना, जल्दी जल्दी बीमार पडना, भूख ना लगना, सुस्ती व नींद आते रहना, पढाई खेल व अन्य कामों में मन नहीं लगना, ऑखों में लालिमा की कमी, निचले पेलेब्रल कंजक्टिवा का पीलापन, जीभ की सूजन, पीली त्वचा, पैरों में सूजन, नाखूनों का सफेद एवं चपटा होना, काईलोविया आदि मुख्य हैं ।
एनीमिया के मुख्य कारण अनुवांशिक कम आयरन वाले भोजन का सेवन, रक्त स्राव के कारण खुन की कमी, कृमि संक्रमण, लंबे समय तक बीमार होने पर या गंभीर बीमार होने के कारण आदि हैं । एनीमिया से बचाव के लिए आयरन की गोलियों का सेवन, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन, आहार में आयरन प्रोटीन, विटामिन सी युक्त, फालेट बी 12 युक्त आहार, जैसे पालक, बथुआ की भाजी, चुकंदर, गुड, तरबूजा, आंवला, संतरा, टमाटर, अनार एवं मांसाहार, यदि मांसाहारी हो तो आदि का सेवन करना चाहिए । आयरन फोलिक एसिड अनुपूरण से शारीरिक और मानसिक विकास, एकाग्रता में वृद्वि स्वस्थ एवं चमकदार त्वचा तथा बाल आदि लाभ होते हैं ।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी नयन सिंह, शिक्षा विभाग के अधिकारी पीपी सिंह, ,डी आई ओ डॉक्टर समीर सिंघई एवं डॉक्टर राजेश केवट, पूजा द्विवेदी विभिन्न ब्लॉक के बीएमओ, एवं विभागीय अधिकारी कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।