फायदे का सौदा जारी है! भारत को तेल बेचने वालों में फिर नंबर वन पर रूस; ईरान और सऊदी अरब पीछे
नई दिल्ली
रूस से सस्ता तेल खरीद रहे भारत को नवंबर में भी बड़ा फायदा हुआ है। नवंबर में भारत ने रूस से हर दिन 9 लाख बैरल प्रतिदिन से ज्यादा कच्चे तेल का आयात किया है। इस तरह लगातार दूसरे महीने रूस भारत को तेल एक्सपोर्ट करने वाले देशों में पहले नंबर पर रहा है। अक्टूबर में भी रूस से भारत ने हर दिन 9 लाख बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा था। तेल और गैस के कारोबार का डेटा रखने वाली कंपनी Vortexa के आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। रूस के बाद इराक और सऊदी अरब भारत को तेल बेचने के मामले में क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।
आंकड़ों से साफ है कि रूस से सस्ते तेल की खरीद को भारत ने अमेरिका और यूरोपियन यूनियन की तमाम धमकियों के बाद भी जारी रखा है। इससे भारत को बड़े पैमाने पर आर्थिक लाभ हुआ है और रूस से दोस्ती भी मजबूत हुई है, जो दशकों से पार्टनर रहा है। भारत के साथ रूस के रिश्तों का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हाल ही में पाकिस्तान ने भी रूस से सस्ते तेल की खरीद के लिए बात की थी। लेकिन व्लादिमीर पुतिन सरकार ने पाकिस्तान को भारत जैसी रियायत देने से साफ इनकार कर दिया। इस तरह पाकिस्तान को महंगा तेल ही खरीदना होगा।
यूरोप को विदेश मंत्री जयशंकर ने फिर से दिखाया आईना
भारत ने तेल की खरीद को लेकर यूरोप और अमेरिका को दोटूक जवाब दिया है। सोमवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर से यूरोप को इस मसले पर आईना दिखाया है। जर्मनी के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा कि जैसे यूरोप अपनी ऊर्जा जरूरतों से समझौता नहीं कर सकता, उसी तरह भारत से भी कुछ और कहने को नहीं कह सकता। उन्होंने कहा कि यूरोपीय यूनियन ने तो रूस से भारत के मुकाबले 6 गुना ज्यादा तेल खरीदा है। इसलिए उसे कोई हक नहीं है कि वह भारत को इस मसले पर लेक्चर दे। उन्होंने साफ कहा कि यूरोप का तो कोयले का आयात भी भारत के मुकाबले 50 फीसदी अधिक है।