प्रभारी बदलने पर पक्ष विपक्ष में नोक-झोंक
रायपुर
किसी भी राजनीतिक पार्टी के संगठन में पदाधिकारियों का बदलाव एक सतत प्रक्रिया है लेकिन नेताओं के बोल कहां थमने वाले हैं मौका मिला तो राजनीति शुरू..। कुछ माह पूर्व भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष बदले गए थे तो कांग्रेस ने जमकर चटकारे लगाए थे अब प्रदेश कांग्रेस का प्रभारी बदला तो भाजपा नेता तंज कसने लगे हैं। पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के आगे पीएल पुनिया बेबस हो चुके थे। इसलिए उन्हें हटा दिया गया। मूणत ने आगे कहा- चुनाव से ठीक 1 साल पहले पुनिया की छुट्टी किया जाना ,इस बात को दशार्ता है कि बीते 4 साल में कांग्रेस के भीतर दिखाई दे रही गुटबाजी को अब केंद्रीय नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया है,किंतु प्रभारी बदलने से गुटबाजी नहीं खत्म होने वाली हैं। भारतीय जनता पार्टी का आचरण कांग्रेस की तरह नहीं है। नई प्रभारी कुमारी शैलजा एक महिला है, उनका सम्मान हैं। विपक्ष में होने के नातें हम छत्तीसगढ़ में उनका स्वागत करते हुए उम्मीद करते हैं कि वह असभ्य राजनीति पर उतारू हो चुके कांग्रेस के अन्य नेताओं को राजनीतिक मयार्दाओं के बारे में अवश्य बताएंगी।
मूणत के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि भाजपा पहले अपने गिरेबां में झांके फिर किसी पर आक्षेप लगाए। भाजपा ने तो कई प्रभारी बदल दिए,जबकि पीएल पुनिया जी पांच साल तक प्रदेश संगठन के प्रभारी रहे और कांग्रेस संगठन में राष्ट्रीय नेतृत्व ने जो मापदंड तय कर रखे हैं उसके मुताबिक एक ही प्रदेश में पांच साल तक प्रभार में रहने के बाद बदलाव एक सामान्य प्रक्रिया है। दरअसल भाजपा के नेता इसलिए बेतुका बयान दे रहे हैं क्योकि उसी पुनिया जी की अगुवाई में छत्तीसगढ़ में भारी बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनी थी और भाजपा का सूफड़ा साफ हो गया था।