अमित शाह के दखल से ही सुलझेगा महाराष्ट्र-कर्नाटक विवाद? शिंदे ने बस सर्विस रोकी
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र और सीमावर्ती राज्य कर्नाटक के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने बुधवार को पुलिस अलर्ट के बाद कर्नाटक के लिए अपनी बस सेवाएं निलंबित कर दी हैं। राज्य परिवहन विभाग ने इसकी पुष्टि की है। अलर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद से जुड़े आंदोलन के दौरान कर्नाटक के अंदर बसों को लक्ष्य बनाकर हमला किया जा सकता है। सूत्रों ने कहा, "यात्रियों और बसों की सुरक्षा के बारे में पुलिस से मंजूरी मिलने के बाद ही सर्विस फिर से शुरू करने का फैसला किया जाएगा।"
इससे पहले मंगलवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात करेंगे। फडणवीस ने यह भी कहा कि उन्होंने मंगलवार को हुई घटनाओं पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से बात की थी। फडणवीस ने कहा, "मैंने खुद कर्नाटक के मुख्यमंत्री से बात की है। हम सुनिश्चित करते हैं कि शरद पवार साहब को कर्नाटक जाने की कोई जरूरत नहीं है। मैं इस कर्नाटक विवाद के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात करूंगा और वह जल्द ही इस मामले को देखेंगे।"
उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक के लोगों से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था को अपने हाथ में नहीं लेने का आग्रह किया। फडणवीस ने कहा, "महाराष्ट्र कानून और व्यवस्था के लिए जाना जाता है और मैं महाराष्ट्र के लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे कानून और व्यवस्था को अपने हाथ में न लें और सीमाओं पर शांति बनाए रखें। यह कर्नाटक की भी जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्रों में भी कानून व्यवस्था बनाए रखे। मैंने उनसे कहा कि इस प्रकार की घटना सही नहीं थी और ऐसा दोबारा नहीं होगा। पथराव और सार्वजनिक बसों को नष्ट करना दोनों राज्यों के लिए सही नहीं है।" शिंदे के डिप्टी ने आगे कहा, "हमारे संविधान में कहा गया है कि हर कोई किसी भी राज्य में कहीं भी रह सकता है। इस प्रकार की घटना नहीं होनी चाहिए। यह कानून और व्यवस्था के खिलाफ है। मामला सर्वोच्च न्यायालय में है, इसलिए सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है।" इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई और उनके महाराष्ट्र के समकक्ष एकनाथ शिंदे ने भी मंगलवार को फोन पर इस मुद्दे पर चर्चा की और इस बात पर सहमति जताई कि दोनों राज्यों को शांति, कानून व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए। बोम्मई ने ट्वीट किया, "महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मेरे साथ टेलीफोन पर चर्चा की। हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि दोनों राज्यों में शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।"
क्या है विवाद?
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के कार्यान्वयन के समय से चला आ रहा है। तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के साथ अपनी सीमा के पुन: समायोजन की मांग की थी। इसके बाद दोनों राज्यों की ओर से चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। महाराष्ट्र सरकार ने मुख्य रूप से 260 मुख्य रूप से कन्नड़ भाषी गांवों को स्थानांतरित करने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन कर्नाटक ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया। अब, कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों सरकारों ने मामले में तेजी लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मामला अभी भी लंबित है।