जिला बाल संरक्षण ईकाई ने समझाईश दे रोका 17 वर्षीय बालक का बाल विवाह
सूरजपुर
ग्रामीइणों के माध्यम से बाल विवाह की जानकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी को रात 10 बजे प्राप्त हुई प्रतापपुर क्षेत्र में एक 17 वर्षीय बालक का बारात सुबह बलरामपुर जाने वाली है। जानकारी प्राप्त होते हि बालक का उम्र सत्यापन कराया गया जिस पर बालक का उम्र 17 वर्ष होने पर उसकी जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देश पर संयुक्त टीम बनाई गयी और सरपंच सचिव को सम्पर्क कर उक्त बारात को रोकने हेतु कहा गया। जब सुबह 10 बजे जिला बाल संरक्षण अधिकारी, सीडीपीओ पर्यवेक्षक चाईल्ड लाईन, सरपंच, सचिव सभी गांव पहुंचे तो पूरे ग्रामीण इक्कठा हो गये और बाल विवाह को सम्पन्न कराने कहने लगे, तभी जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल विवाह एक अपराध है और विवाह करने पर सभी को जेल जाना पड़ सकता है। इस बात पर बड़ी मुश्किल से ग्रामिण बाल विवाह नहीं करने को राजी हुए।
सभी उपस्थित ग्रामिणों को बाल संरक्षण संबधित योजनाओ की जानकारीर दी गई। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना कि जानकारी और स्पॉन्सरशिप योजना कि जानकारी दी गई। सभी को योजनाओ का लाभ लेने हेतु कहा गया और बाल विवाह से बचने की सलाह दी गई। इस कार्यवाही में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, प्रभारी परियोजना अधिकारी श्रीमती सूरजमति बघेल, पर्यवेक्षक श्रीमती संझीला, पुलिस थाना प्रतापपुर से प्रधान आरक्षक मनोज केरकेट्टा, महिल आरक्षक धनेश्वरी कुजूर, पवन धीवर, चाईल्ड लाईन से रमेश साहू एवं प्रकाश राजवाडे, सरपंच प्रतिनिधि, मोहन राम पाटले, एवं सैकड़ो ग्रामिण उपस्थित थे।