कक्षा में पढ़ाते समय अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध करते थे, Law College के शिक्षक
इंदौर
शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में धार्मिक कट्टरता और भड़काऊ शिक्षा दिए जाने पर उठे विवाद की जांच पूरी हो चुकी है। जांच में समिति के सामने कुछ विद्यार्थियों ने माना है कि शिक्षक जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से नाराज थे। कई बार कक्षा में पढ़ाते समय उसका विरोध करते थे और उसे लेकर अपना तर्क भी रखते थे। वहां भारतीय सेना की गतिविधियों को भी गलत बताते थे। विवादित किताब से भी पढ़ाए जाने की बात सामने आई है। बयान के आधार पर अब समिति रिपोर्ट बना रही है। गुरुवार शाम तक रिपोर्ट सौंपी जा सकती है।
बीते गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कालेज में भारतीय सेना, अनुच्छेद 370, राष्ट्र विरोधी गतिविधियां चलाने का आरोप लगाया था। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने सात सदस्यीय समिति को जांच सौंपी। समिति ने शिक्षक, स्टाफ और विद्यार्थियों के बयान दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक एलएलबी, एलएलएम, बीएएलएलबी के 130-140 विद्यार्थियों से 18-20 प्रश्नों के जवाब लिखवाए। सात से आठ विद्यार्थियों ने एबीवीपी के आरोपों को सही बताते हुए अपनी बात सदस्यों के सामने रखी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और भारतीय सेना की गतिविधियों के बारे में शिक्षक आपत्तिजनक बातें करते थे। आतंकवादियों के किस्से भी बताते थे। विवादित किताबें आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए दी जाती थीं। अधिकांश छात्र-छात्राएं इन सारी बातों से इन्कार कर रहे हैं।
बोलने से बच रहे समिति सदस्य
जांच पूरी होने के बाद समिति अब बयानों के आधार पर अपना निष्कर्ष निकाल रही है। रिपोर्ट बनाने में समिति जुटी है। संवेदनशील मामला होने के चलते सदस्य खुलकर बोलने से बच रहे हैं। वैसे रिपोर्ट बनाकर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, विभाग के अवर सचिव और अधिकारियों को सौंपी जागी। उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। समिति में अतिरिक्त संचालक डा. किरण सलूजा, होलकर साइंस कालेज के प्रशासनिक अधिकारी डा. आरके दीक्षित, जीएसीसी के प्राचार्य डा. अनूप व्यास, भोपाल संभाग के अतिरिक्त संचालक डा. मधुरा प्रसाद, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा इंदौर के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डा. आरएस चौहान, जीएसीसी के प्राध्यापक डा. कुंभन खंडेलवाल, बाबूलाल गौर शा. पीजी कालेज (भोपाल) के प्राध्यापक डा. संजय कुमार जैन हैं। एबीवीपी के छात्रनेता लकी आदिवाल का कहना है कि अभी समिति की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। कई बातों को रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। संगठन न्यायिक जांच की मांग करेगा।