अब जबलपुर में भी बनेगा गोवंश वन्य विहार- स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि
जबलपुर
विंध्य क्षेत्र रीवा के बाद महाकोशल की भूमि जबलपुर में भी गोवंश वन्य विहार बनने जा रहा है। इसके साथ ही भोपाल, राजगढ़ में भी गोवंश विहार के लिए वन क्षेत्र चिन्हित कर लिया गया है। अगले एक वर्ष में महाकोशल, विंध्य, मालवा, मध्य भारत, बुंदेलखण्ड, बघेलखण्ड में भी जहां-तहां विचरते गोवंश को आश्रय स्थल देने के लिए गोवंश वन्य विहार का निर्माण होने जा रहा है। फिलहाल माहाकोशल में जबलपुर जिले की कुण्डम तहसील अन्तर्गत गंगईवीर के जंगल में 530 एकड़ के बड़े वन क्षेत्र में गोवंश वन्य विहार बनने जा रहे है। इस आशय की जानकारी गोसंवर्द्धन बोर्ड की कार्य परिषद् केअध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने दी।
गोसेवा को समर्पित सरकार
हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाौहान की अध्यक्षता में संपन्न हुई गोसंवर्धन बोर्ड की बैठक में गोवंश सेवा को समर्पित अनेक निर्णय लिए गए। बैठक में रीवा जिले के बसावन मामा नामक स्थान पर राजस्व की 51 एकड़ भूमि पर गो आवासीय परिसर की समीक्षा की गई। यहां चार हजार से ज्यादा गोवंश संरक्षित करने की योजना है। इसके अलावा प्रदेश के विविध बड़े वन्य क्षेत्रों में पांच अन्य वन्य क्षेत्रों में गोवंश विहार की सहमति बनी है। मुख्यमंत्री सहित बोर्ड के सभी सदस्य इस बात पर अब एक राय हैं कि गोवंश वन्य विहार की परिकल्पना को साकार करने के लिये प्रदेश के जंगलों का उपयोग किया जाए।
सभी विभाग करेंगे सहयोग
गो वन्य विहार के निर्माण में वन विभाग, राजस्व विभाग, जिला प्रशासन सहित सभी जरूरी विभागों को सहयोग करने की बात कही गई है। भूमि सुबंधी अभिस्वीकृति मिलने, पशुपालन विभाग के प्रस्ताव तथा क्षेत्रीय जनमानस व जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर गोवंश वन्य विहार की परिकल्पना हर हाल में हो, इस बारे में एक अन्य बैठक भी इसी दिसंबर में आयोजित की जायेगी।