घर के मंदिर में ये गलतियां करना होता है बेहद अशुभ, नुकसान से बचना है तो तुरंत सुधार लें
वास्तु के अनुसार मंदिर हमेशा ईशान कोण या उत्तरी कोण दिशा में होना चाहिए. घर में मंदिर की सही दिशा होना सबसे जरूरी होता है. घर में मंदिर का होना सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है. अगर पूजा घर में वास्तु दोष है तो घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगेगी. मान्यता के अनुसार घर में पूजा घर की सही दिशा और पूजा घर में भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों की सही दिशा का ज्ञान होना भी जरूरी है. कहते हैं अगर घर में बना मंदिर वास्तु विपरीत हो तो पूजा करते समय मन भी एकाग्र नहीं हो पाता और पूजा से लाभ भी नहीं मिलता. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ वास्तु टिप्स के बारे में जिन्हें आप अपने पूजा घर के लिए ध्यान में रख सकते हैं-
1. वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर सही दिशा में होना चाहिए, अगर पूजा घर सही दिशा में नहीं होगा तो इससे लाभ नहीं होगा. इसलिए पूजा घर हमेशा घर की उत्तर दिशा में ही होना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण या पश्चिम दिशा अशुभ फलदाई होती है. वहीं, घर के मंदिर में दो शंख साथ रखना भी सही नहीं है.
2. वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा घर में कभी भी खंडित मूर्तियों की स्थापना नहीं करनी चाहिए. ये सबसे अशुभ माना जाता है. इतना ही नहीं अगर आप खंडित मूर्तियों की पूजा करेंगे तो देवता नाराज हो जाएंगे.
3. वास्तु के अनुसार, पूजा घर कभी भी भंडारगृह, बेडरूम और बेसमेंट में नहीं होना चाहिए. पूजा घर हमेशा एक खुले स्थान पर बनाना चाहिए.
4. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में एक भगवान की तस्वीर से ज्यादा तस्वीर न रखें. इस बात का ध्यान भी रखें कि गणेश भगवान की 3 प्रतिमाएं नहीं होनी चाहिए. ऐसा होने से घर के शुभ कार्यों में अड़चने आती हैं. मूर्ति और तस्वीरों को रखने की सही दिशा का ज्ञान भी होना चाहिए.
5. माना जाता है कि मंदिर में हनुमान जी की ज्यादा बड़ी मूर्ति न रखें. मंदिर में हमेशा उनकी मूर्ति छोटी ही होनी चाहिए. इसके साथ ही बजरंग बलि की बैठी हुई मूर्ति रखना अच्छा माना जाता है. साथ ही शिवलिंग भी मंदिर में होना चाहिए.
6. वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर के पास शौचालय भूलकर भी न बनाएं. कई बार लोग घर के रसोईघर में मंदिर बना लेते हैं, लेकिन वास्तु के हिसाब से रसोई घर में भी मंदिर नहीं होना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज होती है.
7. घर के मंदिर में देवी-देवताओं की हमेशा मुस्कुराती हुई तस्वीर ही लगानी चाहिए. देवी-देवताओं के उग्र रूप वाली तस्वीरें मंदिर में न रखें. ऐसा करना अशुभ माना गया है.