September 27, 2024

खजुराहो महोत्सव की तर्ज पर ओशो महोत्सव को किया जा रहा विकसित

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जबलपुर

राष्ट्रीय महत्व के पर्यटन स्थल खजुराहो में होने वाले खजुराहो महोत्सव की तर्ज पर जबलपुर में ओशो महोत्सव को विकसित किया जा रहा है। इसकी पहचान प्रदेश में नंबर वन सांस्कृतिक-आध्यात्मिक महोत्सव के रूप में हो, इसके प्रयास हो रहे हैं। चूंकि जबलपुर में भी खजुराहो की तरह ही विश्वविख्यात भेड़ाघाट-धुआंधार पर्यटन क्षेत्र मौजूद है, इस कारण इस संयोजना को बल भी मिला है। यहां 19 साल रहने के बाद आध्यात्मिक गुरु ओशो ने पूरी दुनिया में जबलपुर और भारत का नाम रोशन किया है, इस कारण उनके जन्मोत्सव पर ओशो महोत्सव किया जा रहा है।

कमलनाथ सरकार ने की थी शुरूआत
जबलपुर में ओशो महोत्सव की शुरूआत कमलनाथ सरकार ने की थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने तीन साल पहले ओशो के नाम पर शासकीय स्तर पर वृहद आयोजन कराया था, जिसमें सुभाष घई, चेतन्य कीर्ति, प्रेम मनीषा सहित देश-दुनिया के नामी लोग जुटे थे। कमलनाथ की सरकार जाते ही आयोजन पर कोरोना के नाम पर ब्रेक लगा। कोरोना का भय जाते ही एक बार फिर ये आयोजन हो रहा है। आयोजन में पूर्व की तरह सरकार सहयोग करे, इसके लिए पत्र भी लिखा गया है।

कई देशों से आएंगे लोग: ओशो होम और ओशो परम मेडीटेशन इंटरनेशनल के तत्वावधान में आयोजित हो रहे इस महोत्सव में कई देशों के गुणीजनों भेड़ाघाट में संगम होगा। भारत, जर्मनी, फिलीपींस, कैनेडा, नेपाल, इंग्लैंड, टर्की सहित कई देशों की हस्तियां शिरकत करेंगी।

स्विटजरलैंड के साधक ने उठाया बीड़ा
इस बार स्विटजरलैंड के एक सन्यासिन मां प्रेम राबिया ने ओशो महोत्सव का बीड़ा उठाया है। जबलपुर उनकी ससुराल है। 11 दिसंबर ओशो के जम्मोत्सव पर आयोजित होने वाले इस आयोजन की ऐसी संयोजना बनी है कि इसमें पूरी दुनिया में भारत का नाम गुजाने वाले बांसुरी वादक पद्मभूषण हरिप्रसाद चौरसिया, इंडियन आइडल फेम गिरीश विश्वा स्वाति भट्ट और इशिता विश्वकर्मा, इंडियन लॉफ्टर चैंपियन प्रताप फौजदार, कवि सुदीप भोला तथा बनारस की विभा शुक्ला, देश के शीर्षस्थ गिटार वादक अरविंद हल्दीपुर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

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