शीत सत्र में सत्ता को घेरने कांग्रेस देगी विधायकों को विभागवार जिम्मेदारी
भोपाल
विधानसभा का 19 दिसंबर से शुरू होने जा रहे शीत कालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने अपनी रणनीति बना ली है। सरकार को घेरने में पूर्व मंत्री और युवा विधायकों को इस बार ज्यादा मौका दिया जाएगा। हालांकि इस सत्र में महज पांच बैठक ही होना है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अपनी रणनीति बना ली है। जिसमें यह तय हुआ है कि सरकार को घेरने के लिए प्रदेश में खाद की समस्या को लेकर लेकर सदन के अंदर कांग्रेस इस पर चर्चा करवाने की मांग कर सकती है। वहीं यदि मांग नहीं मांगी गई तो कांग्रेस इस पर श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग कर सकती है। इस मुद्दे पर पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव और कुछ युवा विधायकों को आगे किया जाएगा।
वहीं प्रदेश की आर्थिक स्थिति और लगातार लिए जा रहे कर्ज को लेकर भी कांग्रेस इस बार सरकार को सदन के अंदर घेरने की तैयारी में है। इस पर पूर्व मंत्री तरुण भनोत और उनके साथ तीन अन्य पूर्व मंत्री भी सरकार को प्लानिंग के तहत घेरने का काम करेंगे। प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार को घेरेन की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर भी कुछ विधायकों से सवाल भी लगवाए गए हैं। भ्रष्टाचार पर जीरो टारलेंस पर भी सरकार को घेरा जाएगा। लोकायुक्त डीजी के पद से कैलाश मकवाना को हटाने का मामला भी कांग्रेस ध्यानाकर्षण के जरिए सदन में लाने का प्रयास करेगी।
जीतू पटवारी ने सीएम को लिखा पत्र
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा स्त्री रोग विशेषज्ञ की चयन में लिए गए इंटरव्यू को लेकर कठघरे में खड़ा किया है। जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि साक्षात्कार में सामान्य जाति और अन्य वर्गो के अभ्यर्थियों के बीच भेदभाव किया गया है।