पनिका समाज ने एसटी वर्ग में पुन: शामिल करने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
रायपुर
मुख्यमंत्री के नाम रायपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने आए साकत पनिका समाज के जिलाध्यक्ष प्रकाश साकत ने कहा कि हमारे पनिका समाज के सामाजिक जनों का विकास, उत्थान व प्रगति पूरी तरह बाधित हो रही है, क्योंकि अविभाजित मध्यप्रदेश के मात्र 8 जिलों में यह जाति जहां अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल है।
वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में पिछड़ा वर्ग में शामिल हैं किसी भी जाति में फेरबदल अथवा हटाने का अधिकार भारतीय संसद को होता है। ऐसी विसंगति की वजह से प्रदेश की लाखों बेटियां जो मध्यप्रदेश से शिक्षा प्राप्त कर छत्तीसगढ़ राज्य में ब्याही जाती हैं व छत्तीसगढ़ की बेटियां मध्यप्रदेश में विवाह होकर जाती हैं। तब उनके जाति संबंधित प्रकरणों में अनेक तरह की कठिनाइयों का उन्हें सामना करना पड़ रहा है।
जो राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही बेटी पढ़ाओं बेटी बचाओ जैसी महत्त्वपूर्ण योजना को भी प्रभावित करती है। ऐसी विसंगतियों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए पनिका समाज छत्तीसगढ़ की यह मांग है कि वर्ष 1971 के पूर्व जिसे 8 दिसम्बर 1971 के बाद से अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से हटाकर पिछड़ा वर्ग में जोड़ दिया गया है, जिसे अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में बहाल करने के लिए विधानसभा में विशेष प्रस्ताव लाकर उसे सर्वसम्मति से पारित कर केन्द्र सरकार को अतिशीघ्र भेजने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में ओमप्रकाश भईया (मानिकपुरी पनिका समाज प्रदेशाध्यक्ष), प्रकाश मानिकपुरी (मानिकपुरी पनिका समाज प्रदेश सचिव), मोनु साकत, सुरज साकत, इंद्रपाल पड़वार, लखन साकत, बलराम साकत, तीरथ पनेरिया, राजकुमार साकत, रामजी साकत, धनिराम साकत, रामप्रसाद पनिका, माया साकत, पुष्पा मोंगरे, प्रेमलता साकत, ताराबाई परेवा, सागर साकत, सुनिता साकत, गिरजा साकत, पुजा साकत, आरती साकत, भूमि साकत, अनिता सोनवानी आदि शामिल रहे।