85 प्रतिशत लोगों को 12 से 18 दिसंबर तक खिलाई जाएगी फाइलेरिया की दवा
रायपुर
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत लिम्फेटिक फाइलेरिया से मुक्ति के लिए रायपुर, गरियाबंद और बलौदाबाजार जिले में 12 से 18 दिसंबर तक फाइलेरिया से मुक्ति के लिए 2 वर्ष से लेकर 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दवा दिखाई जाएगी। इस दौरान किसी को भी बुखार या चक्कर आता है तो वे तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचकर जांच जरुर कराएं, इस दवाई का कोई भी साईटिफेक्ट नहीं है। इस दवाई को खाली पेट नहीं लेना है और न ही गर्भवती महिला, 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गंभीर बीमारी से ग्रसित रोगी एवं अति वृद्ध व्यक्ति को इसका सेवन करना है। इस हिसाब से इन तीनों जिलों में 85 प्रतिशत लोगों को फाइलेरिया से मुक्ति के लिए दवाईयां दिखाई जाएगी।
जिला मलेरिया अधिकारी डा. विमल किशोर राय, डा. मिथिलेश चौधरी व डा. राव ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में बताया कि पहले दिन यानी 12 दिसंबर को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री इस अभियान की शुरूआत करेंगे। प्रथम दिन रायपुर, गरियाबंद और बलौदाबाजार जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूल, पीएसचसी, सीएचसी, जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज में इसका आयोजन किया जाएगा। 13 से 15 दिसंबर तक समुदाय स्तर पर, घरों में जाकर दवा सेवन कराया जाएगा एवं 16 से 18 दिसंबर तक मॉप अप राउंड के तहत दवा सेवन की गतिविधियों की जानकारी ली जाएगी। अगर इस दौरान किसी बच्चे, युवा या जवान व्यक्ति ने दो बार दवाई का सेवन कर लिया है तो भी इसका कोई भी साईटिफिटेक्ट नहीं होगा। लेकिन सभी को ध्यान में यह रखना होगा कि इस दवाई को खाली पेट नहीं लेना है। इस दवाई को बीपी, शुगर से ग्रसित मरीज भी ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि 2 से 5 वर्ष के बच्चों को 100 मिली ग्राम की 1 टेबलटे, 6 से 14 वर्ष के बच्चों को 200 मिली ग्राम की 2 टेबलेट तथा 15 से अधिक उम्र के लोगों को 300 मिली ग्राम की 3 टेबलेट अल्वेन्डाजॉल दिया जाएगा जो कि एक टेबलेट 400 एमजी का होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान स्थिति में राज्य में 7986 फाइलेरिया मरीजों की लाइनलिस्टिंग की गई है जिसमें से 4458 लिम्फेडेमा एवं 3528 हाइड्रोसील के मरीज है। लिम्फेडेमा मरीजों के घरेलु प्रबंधन के लिए जिला, विकासखंड एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है एवं हाईड्रोसील मरीजों का आॅपरेशन किया जा रहा है। जिन व्यक्तियों के शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु है उन व्यक्तियों में दवा सेवन के बाद बुखार, उल्टी, चक्कर आना आदि सामान्य लक्षण आने की संभवना है। ऐसे लक्षण पाए जाने पर व्यक्ति को ओआरएस घोल एवं कुछ समय विश्राम करना जरुरी है।