25 साल से राजनीतिक उतार-चढ़ाव से जूझ रहा था मोपा एयरपोर्ट, अब पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोवा में दूसरे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन करने वाले हैं। रविवार को शाम 5 बजे इस एयरपोर्ट का उद्घाटन समारोह होगा। इस एयरपोर्ट को बनाने में 2,870 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। 5 जनवरी से इस मोपा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमानों का संचालन भी शुरू हो जाएगा। गोवा में पर्यटन को बढ़ावा देने में इस एयरपोर्ट की भविष्य में बड़ी भूमिका हो सकती है। नवंबर 2016 में पीएम मोदी ने ही इस एयरपोर्ट की नींव रखी थी। हालांकि इसका प्रस्ताव यूपीए सरकार में 1997 में ही पास हुआ था। इसके बाद एयरपोर्ट निर्माण के लिए लंबे समय का इंतजार चला। कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव झेलने पड़े।
यूपीए ने पास किया था प्रस्ताव
मोपा एयरपोर्ट राजधानी पणडी से 33 किलोमीटर की दूरी पर है। अभी गोवा में डाबोलिम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। मोपा एयरपोर्ट से फ्लाइट शुरू करने की घोषणा इंडिगो और गो फर्स्ट जैसी एयरलाइन कर चुकी है। इसके अलावा ओमान एयर ने भी यहां से फ्लाइट शुरू करने का ऐलान कर दिया है। खास बात यह है कि यूपीए सरकार ने इस योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी लेकिन गोवा कांग्रेस इसका विरोध कर रही थी। गोवा कांग्रेस का कहना था कि गोवा में दूसरे एयरपोर्ट की कोई जरूरत नहीं है। इसके अलावा इस एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण में भी दिक्कत पेश आ रही थी। इसको लेकर उत्तर और दक्षिण गोवा में मतभेद था। दक्षिण गोवा के लोग इस बात को लेकर चिंतित थे कि उत्तर गोवा में एक और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हो जाने से दक्षिण में आने वाले लोग कम हा जाएंगे और उनकी आय पर प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि अभी डाबोलिम हवाई अड्डा नौसेना के बेस की भी भूमिका निभाता है। ऐसे में दूसरा एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
डाबोलिम एयरपोर्ट पर लोड बहुत ज्यादा है। एक तरफ तो यह नौसेना के बेस के रूप में कार्य करता है दूसरा यहां प्रति वर्ष 75 लाख यात्री आते हैं। अब इनकी क्षमता बढ़ाकर 1 करोड़ 30 लाख करने पर विचार किया जा रहा है। डीजीसीए ने साल 2000 में इस एयरपोर्ट को मंजूरी दी थी लेकिन डीजीसीए ने शर्त रखी थी कि पहले से चल रहा डाबोलिम एयरपोर्ट बकंद कर दिया जाए। हालांकि दक्षिण गोवा में इसका विरोध हुआ और फिर योजना ठप हो गई। इस एयरपोर्ट को लेकर गोवा कांग्रेस में भी मतभेद हो गया। कई नेताओं का कहना था कि इसका फायदा पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र को ही मिलेगा और दक्षिण गोवा के लोगों को नुकसान होगा क्योंकि डाबोलिम एयरपोर्ट बंद कर दिया जाएगा। हालांकि 2016 में पीपीपी मॉडल से इसका निर्माण शुरू हो गया। 2019 में पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने एनजीटी में इसके खिलाफ अपील की और फिर से निर्माण रुक गया। हालांकि 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने काम शुरू करने की इजाजत दे दी लेकिन फिर कोरोना महामारी की वजह से काम धीमा होगया।