November 15, 2024

आदिवासी सीटों पर बढ़ी भाजपा की पैठ, RSS की मेहनत ला रही रंग; राजस्थान में भी दिखेगा असर?

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अहमदाबाद

गुजरात में आदिवासी वोट बैंक ने जिस तरह की करवट ली है उससे आगामी वर्षों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की उम्मीदें बढ़ गई हैं। गुजरात चुनाव में एसटी वर्ग के लिए जितनी सीटें आरक्षित थीं उनमें से 90 फीसदी भाजपा की झोली में आ गईं। चुनाव के बाद भी भाजपा आदिवासियों को साधे रखने की रणनीति पर काम कर रही है। गुजरात के लिए भाजपा ने जो तीन पर्यवेक्षक नियुक्ति किए थे उनमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल थे। बता दें कि भाजपा ने 27 आदिवासी आरक्षित सीटों में से 24 पर जीत हासिल की है। 

अहमदाबाद में विधायक दल की बैठक के समय झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद थे। भाजपा को पूरा विश्वास है कि उसे मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और राजस्थान की आदिवासी सीटों पर भी भविष्य में फायदा मिलेगा। भाजपा लंबे समय से आदिवासियों को अपनी ओऱ झुकाने की कोशिश में लगी थी। वहीं आरएसएस भी वनवासी क्षेत्रों में काफी जनहित के काम कर रहा है जिसका प्रभाव भी चुनाव में देखने को मिला। 

गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी रैलियों में द्रौपदी मुर्मू का नाम जरूर लेते थे। बता दें कि महामहिम द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे मुद्दा बनाया और कहा कि कांग्रेस आदिवासियों का सम्मान नहीं करती है वरना वह चुनाव के समय द्रौपदी मुर्मी की उम्मीदवारी को सहर्ष स्वीकारती और विपक्ष से किसी नेता को मैदान में ना उतारती। प्रधानमंत्री मोदी मोदी राजस्थान से सटे मनगढ़ धाम भी गए थे जो कि देश के आदिवासियों के लिए सम्मानीय स्थान माना जाता है। 

इसके बाद पीएम मोदी आदिवासी जलियांवाला बाग भी गए थे और वहां मारे गए 1500 भीलों को श्रद्धांजलि दी। 1913 में ब्रिटिश सरकार ने यहां सामूहिक हत्या करवाई थी। बात करें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की तो 2018 में भाजपा की हार की बड़ी वजह आदिवासी सीटों पर मिली हार मानी जाती है। हालांकि अब गुजरात की वजह से भाजपा की उम्मीद को पर लग गए हैं। बात करें 2017 की तो यहां 27एसटी आरक्षित सीटों में से 15 कांग्रेस के खाते में गई थी लेकिन इस पार पासा पूरी तरह पलट गया। 2018 के चुनाव में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी ऐसा ही हाल था। 

बीते कुछ सालों में भाजपा ने आदिवासी समुदाय के नायकों की प्रशंसा और सम्मान किया है। इसके अलावा सरकार ने बिरसा मुंडा की जयंती को ट्राइबल प्राइड डे के रूप में मानाने का ऐलान किया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम, आंध्र प्रदेश, झारखंड. केरल, मणिपुर, गुजरात और गोवा में आदिवासियों का संग्रहालय बनाने की योजना है। मोदी सरकार ने ट्राइबल ऐक्शन प्लान का बजटभी बढ़ा दिया है। 
 

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