पंचायतों के डेवलपमेंट प्लान में मुख्य भगीदार बनने, विभागों को ग्राम सभाओं में शामिल होना होगा
भोपाल.
प्रदेश के मैदानी अफसर पंचायतों के विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए मैदानी विजिट नहीं करते हैं। राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि जिन विभागों को पंचायतों के डेवलपमेंट प्लान में मुख्य रूप से भागीदारी निभानी है, उन्हें ग्राम सभाओं में शामिल होना होगा।
इन विभागों को अफसरों की बैठकों में मौजूदगी की मैपिंग कराकर इसकी जानकारी शासन को भेजी जाए ताकि डेवलपमेंट प्लान तैयार करने में किसी तरह की कमी न रह सके। इसमें खासतौर पर स्वास्थ्य, पंचायत और ग्रामीण विकास, महिला और बाल विकास, किसान कल्याण और कृषि विकास, पीएचई और स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों को ताकीद किया गया है कि वे गांवों में जाएं और ग्रामसभा की बैठकों में विभाग की योजनाओं की जानकारी देकर नौ थीम पर डेवलपमेंट प्लान तैयार कराने में सहयोग करेंगे। राज्य शासन द्वारा इसको लेकर इन सभी छह विभागों के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिवों की ओर से संयुक्त एडवायजरी जारी की गई है।
ग्राम सभाओं में जाकर देना होगा प्रजेंटेशन
सभी कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिए गए निर्देश मेंं कहा गया है कि जन योजना अभियान सबकी योजना सबका विकास के अंतर्गत पंचायत विकास योजना तैयार किया जाना है। अधिकारियों और कर्मचारियों को ग्राम सभाओं में पहुंचकर प्रजेंटेशन देना है जिसमें विभाग की योजना, कार्यक्रम की जानकारी, बजट और यूनिट कास्ट की डिटेल बताना शामिल है।
खास तौर पर विभागीय ग्राम योजनाएं जैसे ग्राम स्वास्थ्य योजना, ग्राम पोषण योजना, ग्राम जल योजना, कृषि और आजीविका योजना (विलेज पावरटी रिडक्शन प्लान, मरनेगा शेल्फ आॅफ प्रोजेक्ट) का फार्मेट तैयार करना जरूरी है।