माध्यमिक शिक्षा मंडल : बोर्ड एग्जाम में परीक्षार्थियों को नहीं गुजरना होगा थर्मल स्क्रीनिंग की प्रक्रिया
भोपाल
मध्य प्रदेश के स्कूल के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण सूचना है। दरअसल दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा की तारीख की घोषणा हो चुकी है। छात्रों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नियम भी तय कर दिए गए हैं। साथ ही केंद्र को लेकर महत्वपूर्ण अपडेट जारी किए गए हैं। मार्च 2023 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है।
बोर्ड परीक्षा में छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग नहीं
बोर्ड की परीक्षा में परीक्षार्थियों की सुविधा को लेकर नियम में बदलाव भी किए गए हैं। मंडल द्वारा लिए गए नियम के तहत 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की जाएगी। दरअसल कोरोना की वजह से परीक्षा में थर्मल स्क्रीनिंग के नियम बनाए गए थे। हालांकि कोरोना समाप्त होने के साथ बच्चों को थोड़ी रियायत दी जाएगी। अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी हालांकि परीक्षा केंद्र में देना अनिवार्य होगा।
चार उड़न दस्ते परीक्षा केंद्र पर रहेंगे तैनात
वही संवेदनशील केंद्रों पर नकल रोकने के लिए भी तैयारी शुरू कर दी गई है। निगरानी के लिए उड़न दस्ते तैयार किए जा रहे हैं। अलग-अलग स्तर पर चार उड़न दस्ते परीक्षा केंद्र पर तैनात रहेंगे।
स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षा केंद्रों के लिए की गई तैयारी में भोपाल में भी एक टीम तैयार होगी। जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में उड़न दस्ता तैयार किया जाएगा, जो जिले भर के केंद्र का दौरा करेगा। इसके अलावा प्रशासन और कलेक्टर को भी अपनी टीम के साथ परीक्षा केंद्रों पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। पिछले सप्ताह जारी शेड्यूल के मुताबिक बोर्ड परीक्षा के लिए 10वीं की परीक्षा 1 मार्च से जबकि 12वीं की परीक्षा 2 मार्च से शुरू होगी।
बढ़ेंगे 20 फीसद केंद्र की संख्या
परीक्षा के लिए 150-160 केंद्र तैयार होंगे। हालांकि अधिकारियों की मानें तो 20 फीसद केंद्र की संख्या बढ़ाए जाने का फैसला किया गया है। इस साल दोनों परीक्षाओं में लगभग 18 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होंगे। परीक्षा सुबह 9:00 से दोपहर 12:00 बजे तक चलेगी। परीक्षा केंद्रों पर आधा घंटा पहले पहुंचना अनिवार्य होगा।
संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की सूची अलग से होगी तैयार
विभाग द्वारा संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की सूची अलग से तैयार की जाएगी। अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद जनवरी में इसके लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शिक्षक और अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं टीम को बाकी केंद्र पर भी नजर रखना होगा।