November 28, 2024

भूपेंद्र पटेल के सिर आज फिर सजेगा गुजरात का ताज, 2 बजे लेंगे CM पद की शपथ

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 अहमदाबाद 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को गुजरात में मिली ऐतिहासिक प्रचंड जीत के बाद पार्टी के नेता भूपेंद्र पटेल सोमवार को गांधीनगर में लगातार दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। दोपहर 2 बजे गांधीनगर में नए सचिवालय के पास हेलीपैड मैदान में राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा पटेल को 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी।

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के नेतृत्व वाले राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार, भूपेंद्र पटेल के साथ लगभग 20 कैबिनेट मंत्री भी आज शपथ लेंगे और अगले ही दिन अपने-अपने कार्यालयों का कार्यभार संभाल लेंगे। भाजपा ने 2022 के चुनाव में बड़ी और लगातार 7वीं जीत के साथ गुजरात में इतिहास रचा है। भाजपा ने 182 सदस्यी गुजरात विधानसभा चुनाव में 156 सीटों पर जीत हासिल की, जो कि 1960 में राज्य के गठन के बाद से यह गुजरात में पार्टी की सबसे बड़ी जीत है।

भूपेंद्र पटेल ने इससे पहले 13 सितंबर, 2021 को गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्हें पहली बार 12 सितंबर, 2021 को भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में चुना गया था। उन्होंने मेमनगर नगर पालिका में एक सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव में अहमदाबाद के घाटलोडिया निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। पटेल ने इस बार अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 2022 के चुनाव में एक बार फिर घाटलोडिया निर्वाचन क्षेत्र से 1,91,000 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की। गुजरात में भाजपा का यह भारी बहुमत पटेल के नेतृत्व में लोगों के पूर्ण विश्वास को दर्शाता है।

गौरतलब है कि गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस के बीच हमेशा से कड़ा मुकाबला रहा है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (आप) की एंट्री ने इस चुनाव को रोचक बना दिया था। 'आप' नेता अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त बिजली और पानी, महिलाओं के लिए 1,000 रुपये प्रति माह और किसानों के लिए कर्ज माफी के वादे के साथ गुजरात के लोगों को लुभाने की पूरी कोशिश की थी। दूसरी ओर कांग्रेस ने भी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की थी।

भाजपा ने 182 सदस्यीय विधानसभा में 156 सीटें जीतीं, जो राज्य में उसका अब तक का सबसे बड़ा चुनावी आंकड़ा है। विपक्षी दल कांग्रेस को केवल 17 सीटें ही मिलीं, जबकि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को सिर्फ 5 सीटों से संतोष करना पड़ा। वहीं तीन सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) ने राज्य में एक सीट जीती है।

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