September 28, 2024

भारत की सेना को मिलेगी भारतीय पहचान, बंद होंगी अंग्रेजी परंपराएं, प्रतीक चिह्न हटेंगे

0

नई दिल्ली
पराधीनता के प्रतीकों, परम्पराओं और प्रक्रियाओं को तीनों सेनाओं से हटाया जाएगा। आजादी के अमृत महोत्सव महोत्सव के तहत यह पहल की जा रही है। इनकी पहचान की कवायद सेना ने शुरू कर दी है, जो अंग्रेजी सेना से विरासत के तौर पर चली आ रही हैं। इन्हें या तो खत्म कर दिया जाएगा या भारतीय स्वरूप में बदला जाएगा।

जॉर्ज क्रॉस हट चुका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल लालकिले की प्राचीर से पंच प्रणों का उल्लेख किया था, जिसमें गुलामी की मानसिकता से मुक्ति भी शामिल है। इसी कड़ी में पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को लॉन्च किया तो सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा छत्रपति शिवाजी का प्रतीक लगाया। इसके बाद सेना में ऐसे प्रतीकों की पहचान शुरू की गई है।

अमृत महोत्सव के तहत पहल
थल, वायु और नौ सेना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि तीनों सेनाओं में जारी कुछ प्रक्रियाएं और परम्पराएं अंग्रेजी सेना से चली आ रही हैं। इन्हें जारी रखने या नहीं हटाने के पीछे कोई कारण नहीं है। जिस प्रकार आजादी के अमृत महोत्सव में गुलामी की मानसिकता और प्रतीकों से मुक्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, सेनाओं में भी इस पर कार्य शुरू किया गया है।

मजबूती पर जोर
विशेषज्ञों का कहना है कि सेना के सशक्तीकरण के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए। लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) राजेंद्र सिंह कहते हैं कि आजादी के बाद सेनाओं का काफी भारतीयकरण हुआ है। जरूरी हो तो आगे भी बदलाव किए जा सकते हैं, लेकिन मुख्य फोकस सेनाओं को मजबूत बनाने पर होना चाहिए। सेना का कहना है कि यह सही है कि सेना का तंत्र अंग्रेजी सेना से ही बना है लेकिन अतीत में काफी बदलाव हुए हैं। आगे भी जो आवश्यक होगा, किया जाएगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार का कहना है कि  नौसेना उन अनावश्यक या पुरातन प्रथाओं, प्रक्रियाओं और प्रतीकों की पहचान कर रही है जिन्हें या तो बंद किया जा सकता है या आधुनिक वास्तविकताओं के अनुरूप संशोधित किया जा सकता है।

पदनाम से नियम तक की समीक्षा शुरू
सेना में अफसरों के पदों के नामों से लेकर, चयन प्रक्रिया, कमीशन प्रदान करने की रीति, सेनाओं के मेस में नियम, बड्डी परंपरा और कई अन्य प्रक्रियाएं अंग्रेजी शासन की देन हैं। सेना के सूत्रों का कहना है कि इनकी समीक्षा का काम शुरू हो गया है। जैसे-जैसे यह पूरा होगा, इनका भारतीयकरण करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *