November 16, 2024

बिलाबांग स्कूल बस में मासूम से दुष्कर्म केस में ड्राइवर को आजीवन,महिला केयर टेकर को 20 साल की सजा

0

भोपाल

भोपाल में नर्सरी में पढ़ने वाली साढ़े 3 साल की मासूम से स्कूल बस में ही रेप के मामले में ड्राइवर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं अदालत ने लेडी केयर टेकर को 20 साल की सजा सुनाई है। इस बहुचर्चित मामले में कोर्ट ने 3 महीने में ही फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने बस ड्राइवर हनुमत जाटव और उसकी मदद करने वाली महिला केयर टेकर उर्मिला साहू को दोषी करार दिया है और आज उन्हें सजा सुनाई गई।

सोमवार को दंड के प्रश्न पर न्यायालय ने हनुमंत जाटव को जीवनपर्यंत आजीवन कारावास तथा आया उर्मिला साहू को 20 साल का कारावास तथा दोनों 31- 31 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

ज्ञात हो कि हनुमंत जाटव पर भारतीय दंड विधान की धारा 354,354-A,376 2) (n) 376AB एवं यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो ) की धाराओ 5f,5m,9f,10,9i,9m,5i,5,6 के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही बस की अटेंडर उर्मिला साहू भारतीय दंड विधान की धारा 109 एवं पोक्सो एक्ट 16/17 में मुख्य आरोपी द्वारा कारित उक्त आरोप में सहायता के दुष्प्रेरण का सह आरोपी बनाया गया था ।

स्कूल में भी बच्चे सुरक्षित नहीं तो यह शर्मनाक

पीड़िता की ओर से लोक अभियोजक मनीषा पटेल का कहना है कि स्कूल ही एक ऐसी जगह है जहां अभिभावक स्कूल के स्टाफ एवं शिक्षकों पर भरोसा करें कर अपने बच्चे को लगभग पांच से आठ घंटे के लिए अपने से अलग करते हैं वहां भी अगर बच्चा सुरक्षित नहीं हैं तो यह शर्मनाक है। यही कारण है कि लोक अभियोजक द्वारा अधिकतम सजा की मांग की गई थी। गौरतलब है कि लोक अभियोजन अधिकारी मनीषा पटेल ने दिसंबर 2018 और जुलाई 2019 में पोक्सो के दो अलग-अलग मामलों में अभियुक्तों को फांसी की सजा दिलाई है।

ये है मामला

कोर्ट ने बस ड्राइवर हनुमत जाटव को मरते दम तक आजीवन कारावास और महिला केयर टेकर उर्मिला साहू को 20 साल की सजा सुनाई है। इसी के साथ दोनों पर 32-32 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। ये घटना 3 महीने पुरानी है। बच्ची भोपाल के नीलबड़ इलाके के प्राइवेट स्कूल में पढ़ती है। स्कूल बस के ड्राइवर ने बस में ही बच्ची के साथ रेप किया था। इस मामलें का खुलासा तब हुआ जब 8 सितंबर को जब बच्ची घर लौटी, तो उसके कपड़े बदले हुए थे। ये देखकर उसकी मां ने बच्ची की जांच की तो प्राइवेट पार्ट्स पर खरोंच के निशान भी नजर आए। शक हुआ तो बच्ची से पूछताछ की जिसपर उसने बताया कि बस के ड्राइवर अंकल बुरे हैं, वे बैड टच करते हैं। इसके बाद बच्ची के पेरेंट्स ने स्कूल मैनेजमेंट से संपर्क किया। बाद में घटना की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की। महिला थाना पुलिस ने बस ड्राइवर पर केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। जांच के लिए एसआईटी बनाई गई थी। एसआईटी ने घटना के 20 दिन के अंदर 242 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया। तीन महीने के अंदर 32 लोगों की गवाही हुई। मामले में कोर्ट ने 11 दिसंबर को फैसला सुनाते हुए आरोपियों को दोषी करार दिया था और आज उनको सजा सुनाई गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *