November 28, 2024

9 महिलाओं कमांडो की स्पेशल टीम करेगी, CM एमके स्टालिन की सुरक्षा

0

चेन्नई
 सफारी सूट पहने 9 महिलाएं हाथों में एक्स-95 सब-मशीन गन, एके-47 और 9 एमएम पिस्टल लेकर आती हैं। वह फुर्ती के साथ आती हैं, निरीक्षण करती हैं, फिर वे एक दूसरे से नजरें मिलाती हैं और उसी फुर्ती के साथ एक एसयूवी में बैठकर निकल जाती हैं। इस टीम को देखकर किसी फिल्म का सीन लगता है, लेकिन यह किसी एक्शन फिल्म का दृश्य नहीं है, बल्कि ये महिलाएं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सुरक्षा में लगी 9 महिला सुरक्षा गार्ड हैं।

तमिलनाडु सीएम की सुरक्षा में सब-इंस्पेक्टर एम तनुश कन्नकी, हेड कांस्टेबल एम दिलशाथ बेगम और कांस्टेबल आर विद्या, जे सुमति, एम कालीश्वरी, के पवित्रा, जी रामी, वी मोनिशा और के कौशल्या हैं। इनकी यह दिनचर्या का हिस्सा है। वे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की कोर सुरक्षा टीम का हिस्सा हैं, जिन्हें देखकर हर महिला को गर्व का एहसास होगा।

8 मार्च को शामिल की गईं महिलाएं
इस साल (8 मार्च) महिला दिवस के दिन ये महिलाएं मुख्यमंत्री के मुख्य सुरक्षा घेरे में शामिल हुईं। पवित्रा ने कहा, 'हमारी पहली ड्यूटी अन्ना अरिवलयम (डीएमके मुख्यालय) में थी।' जब सीएम की सुरक्षा में महिलाओं को शामिल करने की बात हुई तो वह भी उत्साहित थीं। उन्होंने भी आवेदन किया और चुनी गईं।

80 से ज्यादा आवेदन आए, ऐसे हुआ चुनाव
एमके स्टालिन की सुरक्षा बेड़े में महिलाओं को शामिल करने के लिए 80 से अधिक महिला पुलिस के आवेदन आए। इन आवेदकों में से चुने जाने से पहले इन्हें कठोर शारीरिक और मानसिक परीक्षण से गुजरना पड़ा। रामी ने कहा, 'हमारा ऑबजर्वेशन स्किल और मानसिक फुर्ती का टेस्ट हुआ। उदाहरण के लिए, एक मिनट के भीतर हमें एक आने वाली कार, उसके अंदर लोगों की संख्या और हमारे आस-पास की हर चीज की पहचान करनी थी।'

रोज होती है कठिन ट्रेनिंग
वे अभी भी हर दिन सुबह 6 बजे से मरुधम कमांडो ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण लेने जाती हैं। विद्या ने बताया, 'हमें हर दिन करीब तीन किमी दौड़ना पड़ता है और अन्य कसरत करनी पड़ती है। मैं अब एक मिनट में 30 पुशअप्स कर सकती हूं।'

महिलाओं को निहत्थे युद्ध, फायरिंग बंदूक, बम का पता लगाने, भीड़ प्रबंधन और कार और मोटरसाइकिल से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्हें तनाव, वित्त और समय का प्रबंधन करना भी सिखाया जाता है। सभी 9 महिला सुरक्षाकर्मियों को गहन प्रशिक्षण और उनकी नौकरी पसंद है। तनुष कन्नकी ने बताया, 'वीआईपी, विशेष रूप से एक मुख्यमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। पहले मैं अडंबक्कम में कानून और व्यवस्था में थी, लेकिन मैं हमेशा विशेष सुरक्षा समूह में शामिल होना चाहती थी। यह मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि है।'

गोपनीयता की शपथ
सीएम सुरक्षा में लगे 9 लोगों को गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है और वे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के बारे में या वे अपने परिवारों के लिए क्या करते हैं, इसके बारे में कुछ भी नहीं बता सकते। क्या उन्होंने अभी तक मुख्यमंत्री से बात की है? तनुश कन्नकी ने कहा, 'हमने सीएम से बात नहीं की है। ड्यूटी पर रहते हुए हम किसी और चीज पर ध्यान नहीं देते हैं।'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *