‘छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे पीएम’, तवांग में चीनी सैनिकों से हुई झड़प पर कांग्रेस
नई दिल्ली
भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में LAC के निकट झड़प की घटना पर कांग्रेस ने चर्चा की मांग की है। विपक्षी दल का कहना है कि सरकार को इस मामले पर संसद में चर्चा के माध्यम से देश को विश्वास में लेने की जरूरत है। इस मुद्दे पर मंगलवार को संसद में हंगामा होने के आसार हैं, क्योंकि कांग्रेस के कई नेता संसद के दोनों सदनों में इस पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लाने वाले हैं। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, 'एक बार फिर हमारे सैनिकों को चीन ने उकसाया है। हमारे सैनिकों ने बहादुरी से मुकाबला किया और कुछ जवान घायल भी हुए। हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राष्ट्र के रूप में एक हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करेंगे। लेकिन मोदी सरकार को एलएसी (लाइन ऑफ एक्जुअल कंट्रोल) पर चीन की आक्रामकता और अप्रैल 2020 से हो रहे निर्माण कार्य को लेकर ईमानदार होना चाहिए। सरकार को इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराके देश को भरोसे में लेना चाहिए। हम अपने जवानों की वीरता और बलिदान के ऋणी हैं।'
'मामले को दबाने में लगी मोदी सरकार'
वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ट्वीट किया है, 'भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है। सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। पिछले 2 साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है। इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।' जयराम रमेश ने आरोप लगाया, 'देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं।' उन्होंने कहा कि उत्तरी लद्दाख में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में एलएसी की सीमा में 15-18 किलोमीटर अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, लेकिन सरकार चुप रही। अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है।'
'…तो भारत को आंख उठाकर नहीं देखता चीन'
कांग्रेस ने गलवान झड़प के बाद प्रधानमंत्री मोदी की ओर से दिए गए भाषण का वीडियो भी ट्वीट किया है जिसमें वह कह रहे हैं कि 'किसी ने हमारी जमीन पर कब्जा नहीं किया है और कोई भारत में नहीं घुसा है और न ही हमारे किसी पोस्ट (चौकी) पर किसी अन्य ने कब्जा किया है।' कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के इस भाषण को लेकर कहा, 'अगर यह गलती नहीं की गई होती। अगर चीन का नाम लिया गया होता, वह भारत की ओर आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं करता। अभी भी वक्त है… डरें नहीं।'
इसके अलावा कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, 'मैंने पहले भी कहा है कि चीन की नजरें तवांग पर है, क्योंकि वे 6वें दलाई लामा के जन्मस्थल से भविष्य में दलाई लामा चुने जाने वाले व्यक्ति का नाता जोड़ना चाहते हैं। पीएलए के खिलाफ मुकाबला करने वाले सैनिकों पर गर्व है।' कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'हमारे 20 बहादुर सैनिकों की शहादत के बाद भी चीन को दो टूक जवाब देने की बजाय… प्रधानमंत्री ने 'कोई नहीं घुस आया' का बयान देकर देश की सुरक्षा और संप्रभुता से ज्यादा, अपनी आभासी छवि बनाए रखने में सारा ध्यान न लगाया होता, तो चीन बार बार यह दुस्साहस कभी नहीं करता!'
तवांग में क्या हुआ
गौरतलब है कि भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी के निकट एक स्थान पर 9 दिसंबर को झड़प हुई, जिससे दोनों पक्षों के कुछ जवान घायल हो गए। सैन्य सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीनी पीएलए सैनिकों का डटकर मुकाबला किया। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सैन्य सूत्र के हवाले से बताया कि झड़प में घायल हुए भारतीय सैनिकों को असम के गुवाहाटी में एक सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्र ने बताया कि चीनी पीएलए सैनिकों की संख्या लगभग 300 थी जो भारी तैयारी के साथ आए थे, उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनका सामना करने के लिए भारतीय सैनिक पूरी तरह से तैयार होंगे।