चीन की जकड़ में है पाकिस्तान, दुनिया में सबसे ज्यादा असर; भारत पर अमेरिका से भी कम प्रभाव
अमेरिका
चीन से अथाह कर्ज लेने वाला पाकिस्तान उसके गहरे प्रभाव में है। दुनिया भर के 82 देशों पर चीन का प्रभाव है, लेकिन पाकिस्तान इन देशों की सूची में पहले नंबर पर है। अमेरिकी सरकार की फंडिंग से चलने वाले संस्थान रेडियो फ्री यूरोप के एक सर्वे में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेश नीति, घरेलू मामलों, तकनीक से लेकर अर्थव्यवस्था तक में पाकिस्तान बुरी तरह से चीन पर निर्भर है। वह इन मामलों में कोई भी निर्णय लेने के लिए चीन पर निर्भर है। ताइवान के रिसर्च संगठन DoubleThink Labs ने चाइना इंडेक्स के नाम से यह रिपोर्ट संकलित की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन पाकिस्तान में इकनॉमिक कॉरिडोर बना रहा है और उसके लिए अरबों डॉलर की फंडिंग की है। इसका असर पाकिस्तान पर तो है ही, इसके अलावा विदेश नीति के मामलों में भी इस्लामाबाद चीन पर निर्भर है। वह अब चीन पर सेना, तकनीक और विदेश नीति जैसे मामलों को लेकर भी निर्भर है। इन मामलों में किसी भी देश की संप्रभुता मायने रखती है। चीन का जिन 82 देशों पर प्रभाव है, उनमें से टॉप 10 में द. अफ्रीका, थाईलैंड, सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं। पहले नंबर पर पाकिस्तान है तो वहीं सिंगापुर तीसने नंबर पर है। चीन से प्रभावित होने वाले देशों में अमेरिका और जर्मनी भी शामिल हैं। इस मामले में जर्मनी 19वें नंबर पर है तो वहीं अमेरिका 21वें और ब्रिटेन 27वें नंबर पर है।
भारत पर चीन का असर बेहद कम, लिस्ट में 55वें नंबर पर
यह रिपोर्ट बताती है कि भारत उन चंद बड़े देशों में से एक है, जिन पर चीन का असर बेहद कम है। भारत इस सूची में 55वें स्थान पर है। चीन के प्रभाव का आकलन जिन मानकों के आधार पर किया गया है, उनमें आर्थिक निर्भरता, राजनीतिक निर्णय लेने में दबाव जैसे मानकों को शामिल किया गया है। बता दें कि पाकिस्तान पर चीन के प्रभाव का विरोध भी होता रहा है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में विद्रोही चीन के दखल का विरोध करते रहे हैं। बीते एक साल में तो कई आतंकी हमले भी हो चुके हैं, जिनमें चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया।
यूरोपीय देशों में जर्मनी पर चीन का सबसे ज्यादा असर
डबल थिंक लैब्स ने जिन मानकों के आधार पर चीन के प्रभाव का आकलन किया है, उनमें उच्च शिक्षा, घरेलू राजनीति, आर्थिक संबंध, विदेश नीति, कानून लागू करने, मीडिया, सैन्य सहयोग, सांस्कृतिक संबंध और तकनीक शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंबोडिया जैसे दक्षिण पूर्व एशिया के देश चीन के गहरे प्रभाव में हैं। वहीं यूरोपीय देशों में जिस पर सबसे ज्यादा असर है, वह जर्मनी है। वह इस लिस्ट में 19वें नंबर पर है। पराग्वे, नॉर्थ मेसेडोनिया और अल्बानिया जैसे देश इस लिस्ट में आखिरी पायदान पर हैं।