‘कान्हा ब्रांड’ अब दूसरे जेलों के लिए प्रेरणा बन रहा,उत्पाद ई-कामर्स और आउटलेट्स पर उपलब्ध
जबलपुर
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस केन्द्रीय कारागार जबलपुर का स्पेशल प्रोजक्ट कान्हा ब्रांड अब दूसरे जेलों के लिए प्रेरणा बन रहा है। जबलपुर के बाद अब रीवा और सतना में भी ये प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है, जबकि कुछ अन्य जेलों में इसकी तैयारी है। जबलपुर में कान्हा ब्रांड के नाम से कैदियों द्वारा बनाए जाने वाले उत्पाद ई-कामर्स और आउटलेट्स के माध्यम से लोगों को उपलब्ध कराये जाते हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, नई दिल्ली द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत बंदियों के लिए स्पेशल जेल प्रोजेक्ट वेज इम्पलॉयमेंट फॉर इनमेट्स की शुरूआत जबलपुर में जेल अधीक्षक गोपाल ताम्रकार द्वारा शुरू की गई थी। अब ये प्रयोग दूसरे जेलों में भी किया जा रहा है।
रोजगार में सहायक
जबलपुर के बाद रीवा और सतना में वेज एम्प्लॉयमेंट क्रियेशन फॉर अंडर स्पेशल जेल प्रोजेक्ट के अंतर्गत विविध सेक्टरों में वस्तुओं की असेम्बलिंग और फिर से निर्माण कर वस्तुओं को ब्रांड-नेम देकर जेल आउटलेट व ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से बेचने की पूरी तैयारी कर ली गई है। प्रोजेक्ट से बंदियों को जेल के अंदर व जेल के बाहर स्वरोजगार और बंदियों की पुनर्स्थापना में सहायता मिलेगी।
5 विधाओं में प्रशिक्षण
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत शुरू हुआ कान्हा प्राजेक्ट पांच विधाओं के तहत चल रहा है। कौशल उन्नयन प्रशिक्षण के पिकल मेकिंग टेक्नीशियन, बेकिंग टेक्नीशियन, मल्टी कुजिन कुक, टीवी रिपेयरिंग टेक्नीशियन और असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन के तहत कैदियों को प्रशिक्षित किया जा रहा था। इस योजना के तहत जबलपुर में 400 बंदियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। जबकि रीवा-सतना में प्रशिक्षण जारी है।