आईआईटी में 40% और आईआईएम 31 % पद है खाली: केंद्र सरकार
नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने संसद को सूचित किया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में लगभग 40 प्रतिशत और भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) में 31 प्रतिशत शिक्षक पद खाली हैं.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी कि आईआईटी में फैकल्टी सदस्यों के स्वीकृत 11,170 पदों में से कुल 4,502 और आईआईएम में फैकल्टी सदस्यों के कुल 1,566 पदों में से 493 पद खाली हैं.
मंत्री द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार, देशभर में केंद्रीय विश्वविद्यालयों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों तथा भारतीय प्रबंध संस्थानों 11,000 से अधिक फैकल्टी पद खाली हैं.
प्रधान ने बताया कि देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के 18,956 स्वीकृत पदों में से कुल 6,180 पद खाली हैं.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के 2,553 स्वीकृत पदों में से 1,529 पद खाली हैं. एसोसिएट प्रोफेसर के 5,110 स्वीकृत पदों में से 2,304 पद और सहायक प्रोफेसर के 11,293 स्वीकृत पदों में से 2,347 पद रिक्त पड़े हुए हैं.
मंत्री के उत्तर के अनुसार, इसी तरह आईआईटी में फैकल्टी सदस्यों के कुल 11,170 स्वीकृत पदों में से 4,502 पद खाली हैं, वहीं आईआईएम में कुल 1,566 फैकल्टी सदस्यों के पदों में से 493 पद खाली हैं.
मंत्री ने कहा, ‘शिक्षा मंत्रालय ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को मिशन मोड में रिक्तियों को भरने का निर्देश दिया है. मिशन मोड में रिक्तियों को भरने के लिए सभी संस्थानों को लिखने के अलावा, मंत्रालय ने एक मासिक निगरानी तंत्र स्थापित किया है.’
केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के 12,723 पद रिक्त
इसके अलावा सरकार ने सोमवार को ही लोकसभा को बताया कि एक नवंबर तक देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में 12,723 शिक्षक पद और 1,422 गैर-शिक्षक पद रिक्त पड़े थे.
लोकसभा में के. गोरांतला माधव के प्रश्न के लिखित उत्तर में शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में देश में 1,249 केंद्रीय विद्यालय संचालित हैं और पिछले पांच वर्षों तथा चालू वर्ष के दौरान देश में 113 नए केंद्रीय विद्यालय स्थापित किए गए हैं.
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि रिक्तियां समय-समय पर स्थानांतरण, सेवानिवृत्ति आदि के कारण उत्पन्न होती हैं और इन्हें भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पठन-पाठन प्रक्रिया बाधित न हो, यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा अस्थायी अवधि के लिए संविदा के आधार पर शिक्षकों को नियुक्त किया जाता है.
केंद्रीय विद्यालयों की संख्या के संबंध में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्रालय में राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि वर्तमान में देश में 1249 केंद्रीय विश्वविद्यालय कार्यात्मक हैं.
इनमें से उत्तर प्रदेश में 122, मध्य प्रदेश में 112, राजस्थान में 77, ओडिशा में 66, पश्चिम बंगाल में 62, महाराष्ट्र में 59, असम में 58, कर्नाटक में 52 और पंजाब में 51 केंद्रीय विद्यालय कार्यात्मक हैं.
इसके अलावा बताया गया कि 2017-18 में 49, 2018-19 में 16, 2019-20 में 36, 2020-21 में 10, 2021-22 में 3, 2023-23 में 5 नए केंद्रीय विद्यालय बनाए गए.
एक अन्य सवाल के जवाब में अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय संगठन ने सूचित किया है कि उत्तर प्रदेश के 22 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों सहित देश के 99 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में कोई केंद्रीय विद्यालय नहीं है.