तवांग घाटी में विवाद के बाद से LAC पर अमेरिका की बारीक नजर
वाशिंगटन
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने दैनिक ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका अपने भारतीय साझेदारों के साथ निकट संपर्क में है।
प्राइस ने हालांकि भारत के साथ इस मसले पर हुई बातचीत का ब्योरा देने से इनकार कर दिया।
प्राइस ने कहा, हमें यह सुनकर खुशी हुई कि दोनों पक्ष झड़पों से जल्द ही अलग हो गए।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने भी इसी तरह की भावना व्यक्त की। उन्होंने कहा, हमें यह सुनकर खुशी हुई कि दोनों पक्ष झड़पों से जल्दी से अलग हो गए। उन्होंने कहा, हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हम विवादित सीमाओं पर चर्चा करने के लिए भारत और चीन को मौजूदा द्विपक्षीय चैनलों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
प्राइस पिछले हफ्ते तवांग सेक्टर में भारतीय सेना और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की टुकड़ियों के बीच हुई झड़प के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
अमेरिकी कांग्रेस के एक भारतीय अमेरिकी सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने झड़पों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने एक बयान में कहा, मैं चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अपने सशस्त्र बलों के साथ भारतीय क्षेत्र में घुसने के नए प्रयास के बारे में जानकर व्यथित हूं।
मैं खुश हूं कि इस संघर्ष में भारतीय सेना को कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ, यह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बढ़ते जुझारूपन और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए भारत और हमारे सभी सुरक्षा भागीदारों के साथ काम करना जारी रखने की एक और याद दिलाता है।