LAC पर सेना अलर्ट जवानों की संख्या में बढ़ोतरी; ड्रैगन को हर हिमाकत का मिलेगा करारा जवाब
नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच 9 दिसंबर को तवांग में हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय सेना पूरी तरह से अलर्ट है। चीन बॉर्डर पर किसी भी तरह की हिमाकत नहीं कर सके, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर बुमला पास पर अतिरिक्त भारतीय जवानों की तैनाती की गई है। दरअसल, ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि सीमा के दूसरी ओर चीनी सेना कई निर्माण कर रही है।
तवांग में जिस जगह भारत और चीन की सेनाओं के बीच टकराव हुआ था, वहां से बुमला की दूरी तकरीबन 35 किलोमीटर है। 'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के अनुसार, सेना के बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती कर दी गई है। उनके पास निगरानी उपकरण और कई तरह के रडार भी उपलब्ध हैं, जिसकी मदद से वे बॉर्डर के दूसरी ओर होने वाली हर गतिविधियों से अवगत रह रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में शुक्रवार को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प में दोनों पक्षों के जवानों को मामूली चोटें आई थीं। आमने-सामने के क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया था। झड़प में घायल हुए चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों की संख्या से अधिक है। तवांग सेक्टर में यांग्त्से में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमने-सामने होने पर पीएलए के सैनिक भारतीय सेना की तीन इकाइयों के साथ भिड़ गए थे, जो विभिन्न पैदल सेना रेजिमेंटों से संबंधित थीं। इन जवानों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने के चीन के प्रयास को विफल कर दिया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना की जानकारी देते हुए संसद में कहा था कि भारतीय सेना के जवानों ने 9 दिसंबर को अरुणाचल के तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में चीनी सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन करने से बहादुरी से रोका। उन्होंने कहा, "मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी भारतीय सैनिक की मृत्यु नहीं हुई या गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ। मैं सदन को यह भी विश्वास दिलाता हूं कि हमारी सेना देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा कर रही है। हमारी सेना किसी भी अतिक्रमण से निपटने के लिए तैयार है। मुझे दृढ़ विश्वास है कि सदन इसका समर्थन करेगा।"
डोकलाम में चीन की चालबाजी, कई निर्माण किए
उधर, डोकलाम में चीन फिर से चालबाजी पर उतर आया है। साल 2017 में डोकलाम में जहां पर भारत और चीन के बीच विवाद हुआ था, वहां पर चीन ने कई अवैध निर्माण कर लिए हैं। चीन ने सीमाओं के पास बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। लेटेस्ट इमेजेस में तोरसा जल निकाय पर एक पुल के साथ-साथ नई इमारतों का निर्माण भी देखा गया है। भारी हथियारों को स्टोर करने के लिए सुरंगों का निर्माण किया है और सीमाओं के पास अपनी ताकत दोगुनी कर दी है। हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि भारतीय सेना भी अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ा रही है और अपनी तैनाती को आगे की ओर बढ़ा रही है। दोनों ही पक्ष महज कुछ ही मीटर की दूरी पर हैं। भारत-भूटान-चीन ट्राई-जंक्शन से लगभग 9 किमी दूर चीन भूटान क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है। पंगडा गांव जिसे साल 2020 में स्थापित किया गया और 2021 में इसका विस्तार किया गया। इसके बाद हाल ही में दक्षिण में विस्तार किया गया।