कोण्डागांव के वन क्षेत्रों में लगाई गई काली मिर्च की बेलों में फल आने शुरू
रायपुर
कोण्डागांव जिले के वन क्षेत्र में रोपे गए काली मिर्च के पौधों में अब फल लगने लगे हैं। कोण्डागांव में प्रयोगात्मक रूप में काली मिर्च की खेती प्रारंभ की गई थी। वन क्षेत्रों में काली मिर्च के पौधे साल वृक्षों के समीप रोपे गए थे और उनकी बेल साल वृक्षों पर चढ़ाई गई थी, जिनमें अब काली मिर्च की फल आने शुरू हो गए हैं।
दक्षिण कोण्डागांव वन मंडल के वनमण्डाधिकारी यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2006-07 एवं वर्ष 2008-09 में दहीकोंगा परिक्षेत्र के अंतर्गत वन कक्षों के साल वनों में काली मिर्च के पौध रोपण के लिए वनौषधि पादप बोर्ड से क्रमश: 8.80 लाख रूपए और 7.90 लाख रूपए का बजट प्राप्त हुआ था। इस राशि से प्रयोगात्मक कृषि के रूप में वर्ष 2006-07 में साल वृक्षों में काली मिर्च की 7000 बेल तथा वर्ष 2008-09 में काली मिर्च की 15000 हजार बेल चढ़ाई गई थी। वर्ष 2014-15 में काली मिर्च के एक लाख पौधे तैयार करने के लिए 13 लाख रूपए प्राप्त हुए, जिससे कोपाबेड़ा नर्सरी कोण्डागांव परिक्षेत्र द्वारा ग्रामीणों को वितरण हेतु काली मिर्च के पौधे तैयार किए गए थे। काली मिर्च की खेती के लिए ये दोनों परियोजनाएं प्रयोगात्मक रूप से प्रारंभ की गई थी।
दक्षिण कोण्डागांव वनमण्डल में वर्ष 2014-15 में आईएपी योजना के तहत ग्रामीणों को वितरण करने के लिए काली मिर्च के पौधे तैयार करने के लिए वर्ष 2006-07 में वन कक्षों में लगाए गए काली मिर्च के पौधों से और नारियल विकास बोर्ड कोपाबेड़ा से काली मिर्च के पौधों से कटिंग प्राप्त कर एक लाख पौधे तैयार किए गए थे। वन कक्ष क्रमांक पी 449 प्रकृति पथ में वर्ष 2014-15 में कालीमिर्च का पौधा रोपण साल वृक्षों में किया गया था, जिसमें वर्तमान में फ्रुटिंग (फल) आ रहा है। वनमण्डलाधिकारी ने यह जानकारी भी दी है कि कोण्डागांव वनमंडल में प्रारंभ की गई काली मिर्च की खेती की इस प्रयोगात्मक परियोजना के लिए आंध्रप्रदेश से कालीमिर्च के पौधे नहीं मंगाए गए थे।