डॉक्टर आरती सिंह के निर्देशन में रायगढ़ घराना हुआ साकार
रायपुर
कथक नृत्य के खूबसूरत रूपों की युवा कलाकारों के माध्यम से आज रात नयनाभिराम प्रस्तुतियों का रसिकों ने रँगमन्दिर सभागार में जमकर आनन्द लिया। इसी के साथ दो दिवसीय डॉ. अरुण कुमार सेन स्मृति समारोह का यादगार समापन हो गया।
आज का आरम्भ हुआ कमलादेवी संगीत महाविद्यालय के कलाकारों की नृत्य पेशकश से। पहली प्रस्तुति थी पण्डित बिरजू महाराज को श्रद्धांजलि स्वरूप अर्धांग और दूसरी पेशकश धमार थीं जिसे उन्होंने डॉ. अरुण कुमार सेन की स्मृति में तैयार किया था। इसके उपरांत दक्ष यज्ञ में कलाकारों ने पुन: अपनी तैयारी दिखाई। लखनऊ घराने के दिग्गज पण्डित लच्छु महाराज की कलात्मक रचना को दर्शकों ने अत्यंत सराहा। इस तीनों कथक की संरचनाओं को तैयार किया था – डॉ. आरती सिंह ने। शामिल कलाकारों में थे डॉ. सिंह, राशि कौर, तेजस्विनी शाह , प्रेरणा देवांगन, तृप्ति तामस्कर, उषा शर्मा, पारुल कुम्बलकर, चिरंजीवी हलधर और नरेंद्र जलछत्री।
भातखंडे ललित कला शिक्षा समिति के आयोजन में अंतरराष्ट्रीय ख्याति के भरतनाट्यम गुरु जी. रतीश बाबू और उनके दल ने भरतनाट्यम के विविध रूप बंदिशों के माध्यम से साकार किये। इसी क्रम में डेविड निराला के लोकरंग की नयनाभिराम प्रस्तुतियों से समापन हुआ। कार्यक्रम के प्रारम्भ में संस्था के उपाध्यक्ष – श्री अजय तिवारी, सचिव – शोभा खंडेलवाल एवं सदस्य , शांति बरडिया, पूजा दानी ने कलाकारों का पुष्प गुच्छ एवं शॉल से स्वागत किया।