मध्यप्रदेश से आए दल ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा क्षेत्र में हो रहे नवाचारों को सराहा
रायपुर
नई शिक्षा नीति आने के बाद बच्चों की शिक्षा के स्तर में सुधार हो, इसके लिए हर राज्य के साथ ही छत्तीसगढ़ में प्रयास और नवाचार किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के राज्य शिक्षा के नीति 14 सदस्यीय दल ने छत्तीसगढ़ में इन्हीं प्रयासों को देखने, समझने के लिए राज्य के स्कूलों और डाईट का दौरा किया। मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केन्द्र के अवर सचिव श्री लोकेश जागिड़ ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में किए जा रहे नवाचार बहुभाषा शिक्षण, कहानी उत्सव, मासिक चर्चा पत्र सराहनीय है। राज्य द्वारा तैयार किया गया प्रिंटरिच मेन्युअल पर किया गया कार्य अनुकरणीय है।
इसी प्रकार राजस्थान के एसपीडी श्री मोहनलाल यादव ने कहा कि जिन स्कूलों में उन्होंने दौरा किया वहां शिक्षा और बच्चों में समन्वय की अच्छी मिसाल देखने को मिली। स्कूलों में समुदाय का रूझान और हस्तक्षेप सराहनीय है। राज्य में संचालित शासकीय स्वामी आत्मानंद स्कूलों मुहैया कराए जा रहे संसाधन सहित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की भी उन्होंने प्रशंसा की।
छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए कार्य कर रही संस्था रूम-टू-रीड के संयुक्त तत्वाधान में यह शैक्षणिक भ्रमण करवाया गया। दो दिनों के भ्रमण के अनुभवों को साझा करते हुए छत्तीसगढ़ समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक श्री नरेन्द्र दुग्गा ने मध्यप्रदेश से आए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का बड़ा अंचल ग्रामीण और जनजातीय प्रधान है। यहां घर की भाषा के संसाधनों का प्रयोग बच्चों को स्कूल से जोडने और मानक भाषा की ओर ले जाने के लिए कारगर हैं। इन्हीं भावनाओं को ध्यान में रखकर प्रदेश में लगातार ऐसे संसाधन विकसित कर रहे हैं, जो बच्चों के लिए रोचक पाठ्य सामग्री से जोडने वाले हैं।
मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केन्द्र के पदाधिकारी सर्वश्री अशोक पारीक, हर गोविन्द खरे, अजय सक्सेना, लोकेश खरे, बी.पी. गुप्ता, अमित सक्सेना, दामोदर जैन, सुश्री सुषमा भट्ट ने राज्य में चल रहे अंगना म शिक्षा कार्यक्रम, बस्तर के स्कूलों में संचालित बहुभाषा कार्यक्रम, कहानी उत्सव आदि कार्यक्रमों की सराहना की। सभी ने प्रदेश में संचालित स्कूलों में शाला समुदाय संबंध की भी सराहना की। सहायक संचालक समग्र शिक्षा डॉ. एम. सुधीश ने राज्य में संचालित कार्यों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के श्री डिकेश्वर वर्मा ने राज्य में विकसित की गई 16 भाषाओं की पाठ्यपुस्तक, इसे कक्षा में पढ़ाने के लिए बनाए गए यू-ट्यूब वीडियो के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति आने के बाद राज्य में लगातार बच्चों की भाषा में पाठ्यसामग्री का निर्माण किया जा रहा है।