अन्नदाता :भारतीय किसानों ने गेहूं बुआई का क्षेत्रफल 3 फीसदी बढ़ाया
नई दिल्ली
भारतीय किसानों (Indian Farmers) ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हिंदुस्तान को कृषि प्रधान देश क्यों कहा जाता है. भारतीय किसानों ने पिछले साल की तुलना में इस साल गेहूं की फसल (Wheat Crops) के बुआई में 3 प्रतिशत वृद्धि हुई है. कृषि मंत्रालय (Ministry Of Agriculture) द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक इस साल गेहूं की फसल 1 अक्टूबर से लगानी शुरू हुई, तब से अब तक कुल 28.65 मिलियन हेक्टेयर यानी 70.8 मिलियन एकड़ पर गेहूं की फसल (Wheat Crop) बोई जा चुकी है. बताया गया कि बुआई का यह क्षेत्रफल पिछले साल की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक है.
गौरतलब है कि गेहूं रबी की महत्वपूर्ण फसल (Rabi Crop) है. यह अक्टूबर-नवंबर के महीने में बोई जाती है, जिसकी कटाई अंतिम मार्च से लेकर अप्रैल तक होती है. गेहूं उत्पादन में पिछले कुछ वर्षों में भारत ने तेजी से वृद्धि की है. गेहूं उत्तर के राज्यों सर्वाधिक होता है. इसका उत्पादन उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाण समेत उत्तर भारत मे ज्यादा होता है.
तिलहनी फसल का रकबा भी बढ़ा
भारत में इस बार न केवल गेहूं का रकबा बढ़ा है, बल्कि तिलहनी फसल (Oilseeds Crops) की बुआई में भी वृद्धि हुई है. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक बयान में बताया गया कि किसानों ने बुआई शुरू होने से लेकर 16 दिसंबर तक सर्दियों में बोई जाने वाली प्रमुख तिलहनी फसल रेपसीड की खेती (Rapeseed Farming) का क्षेत्रफल बढ़ाकर 9 मिलियन हेक्टेयर कर दिया है. पिछले साल यह लगभग 8.3 मिलियन हेक्टेयर था.