जब एक ही रात US के 6 B-52 बमवर्षकों को कर दिया गया था ढेर, 12 दिन में गिराए गए थे 2000 टन बम
नई दिल्ली
दुनिया का सबसे ताकतवर देश संयुक्त राज्य अमेरिका ने वैसे तो कई लड़ाइयां लड़ी हैं लेकिन एक युद्ध ऐसा भी है, जिसमें उसे न केवल मुंह की खानी पड़ी थी, बल्कि उसे अपने करीब 58,000 सैनिकों को खोना पड़ा था। ये वियतनाम का युद्ध था, जो करीब 20 साल (1955 से 1975) तक चला था।शीत युद्ध के दौरान जब पूरी दुनिया दो हिस्सों में बंटी थी, तब के दौर में यह सबसे भीषण सैन्य संघर्ष था। इसमें एक तरफ रूस और चीन समेत अन्य साम्यवादी सरकारों से समर्थन प्राप्त उत्तरी वियतनाम की सेना थी, तो दूसरी तरफ अमेरिका और अन्य मित्र देशों के समर्थन से लड़ रही दक्षिणी वियतनाम की सेना थी।
20 साल तक चली थी जंग:
20 साल के लंबे जंग के दौरान कई बार संधि और समझौते हुए लेकिन सब बेकार रहे। 1972 में अमेरिका और उत्तरी वियतनाम के बीच एक बार फिर बातचीत शुरू हुई लेकिन वो बेनतीजा रही और कम्यूनिस्टों ने अमेरिकी सेना पर जबर्दस्त बमबारी शुरू कर दी। इसके जवाब में अमेरिका ने भी अपने बमवर्षक विमान बी-52 उतार दिए।
12 दिनों में 730 उड़ानें:
बमबारी का यह इतिहास का सबसे भयानक मंजर था, जब अमेरिका के 200 B-52 बमवर्षक विमानों ने 12 दिनों के अंदर उत्तरी वियतनाम पर 2000 टन बम गिराए थे। दिसंबर 1972 में हुए इस भीषण हमले को अमेरिका ने ऑपरेशन लाइनबैकर-II नाम दिया था। यह अमेरिका की वायु शक्ति का अब तक का सबसे भयानक और चौंकाने वाला प्रदर्शन था। 12 दिनों के अंदर B-52 बमवर्षक विमानों ने कुल 730 उड़ानें भरी थीं। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हेनरी किसिंजर के शब्दों में इतने बड़े पैमाने पर बम गिराने का मकसद उत्तरी वियतनाम को तहस-नहस कर देना था। तब के अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने मिशन लॉन्चिंग की पूर्व संध्या पर 17 दिसंबर को कहा था कि "उत्तरी वियतनाम बहुत आश्चर्यचकित होने जा रहा है।"
'क्रिसमस बम विस्फोट' का नाम:
अमेरिका में इस बमवर्षक घटना को 'क्रिसमस बम विस्फोट' के रूप में जाना जाता है, 12 दिनों की इस लड़ाई में सिर्फ 11 दिन ही बम गिराए गए थे,क्योंकि किसमस के दिन वियतनाम पर कोई बम नहीं बरसाया गया था। इस हमले में 1600 वियतनामी मारे गए थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इतनी बड़ी संख्या में नागरिकों के मारे जाने की यह बड़ी घटना थी।
33 अमेरिकी वायु सैनिकों की मौत:
ऐसा नहीं है कि जान-माल का नुकसान सिर्फ वियतनामियों को ही उठाना पड़ रहा था। अमेरिकी को भी इस जंग में भारी हानि उठानी पड़ी थी। इस ऑपरेशन में अमेरिका की प्रतिष्ठा बने B-52 बमवर्षक विमानों की श्रृंखला के कुल 15 विमानों को वियतनाम की सेना ने ढेर कर दिया था। 6 विमानों को तो एक रात में ही हवा में ही नेस्तनाबूद कर दिया गया था, जिसमें 33 अमेरिकी वायु सैनिकों की मौत हो गई थी।
1973 में हुआ शांति समझौता:
इसके बाद जनवरी 1973 में अमेरिका और उत्तरी वियतनाम के बीच एक शांति समझौता हुआ, जिसके बाद इस युद्ध का अंत हो गया। इस युद्ध में 20 लाख लोगों के मारे जाने और करीब 30 लाख लोगों के घायल होने का अनुमान लगाया गया था, जबकि करीब सवा करोड़ लोगों को दूसरे देशों में शरण लेना पड़ा था।