September 29, 2024

अविश्वसनीय विश्वसनीयता का बड़ा राजनैतिक उदाहरण भूपेश बघेल-रविन्द्र चौबे

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रायपुर
पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि भूपेश जी का नेतृत्व अविश्वसनीय विश्वसनीयता का सबसे बड़ा राजनीति का उदाहरण बना। समूचे छत्तीसगढ़ में एक नारा चल रहा भूपेश है तो भरोसा है। लोगों का विश्वास लोकतंत्र में किसी राजनीतिक नेतृत्व के प्रति बहुत दिनों बाद दिखाई दिया। लोग ये समझते है कि भूपेश जी ने जो कहा उसको छत्तीसगढ़ की जनता उसको लक्ष्मण रेख मानने लग गयी है। जो उनके जुबान से निकलेगा वो कार्य शत प्रतिशत पूरा होना है। जनता का इतना बड़ा भरोसा, इतना बड़ा विश्वास केवल चार सालों के कार्यकाल में नेतृत्व के द्वारा अर्जित किया गया ये हमारे लिये सबसे बड़ा उपलब्धि है।

दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि राजनीतिक विचारधारा की लड़ाई हो सकती है। लगातार अपने राज्य के हित में हम केंद्र के साथ टकराव तक की स्थिति में जाते है। अपनी बात रखते है। कई बार ऐसा महसूस होता है राज्य और केंद्र का बड़ा टकराव है। लेकिन सबसे बड़ी सरकार के उपलब्धि में इसे गिन सकते है। इन सब चीजों के बावजूद भी पिछले नीति आयोग की बैठक में देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमारे मुख्यमंत्री की, उनकी योजनाओं की छत्तीसगढ़ में किये जा रहे उनके कार्यों की सार्वजनिक प्रशंसा की है। नीति आयोग ऐसा प्लेट फार्म होता है जहां सारे हिन्दुस्तान के हुकूमत करने वाले सभी लोग बैठे रहते है और उस नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री के द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रशंसा उनकी योजनाओं की प्रशंसा और देश के अन्य राज्यों में उन कुछ योजनाओं को लागू करने के संदर्भ में मार्गदर्शन या दिशा निर्देश छत्तीसगढ़ सरकार की भूपेश बघेल सरकार की 4 साल की इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है।

तीसरी सबसे बड़ी उपलब्धि छत्तीसगढ़ सरकार की है कि छत्तीसगढ़ को लोग नक्सलगढ़ कहना प्रारंभ कर दिये थे। लाल आतंक हमारी पहचान बन गयी थी। मैं विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष था सरकार के खिलाफ जब भी बात कहनी होती थी हम उसी से शुरूआत करते थे कि बस्तर में सामांतर सरकार चलायी जा रही है। तत्कालीन सरकार को हम लोग नेशनल हाईवे के दो किमी के बाद के अंदर की ही सरकार समझते थे, बाकी पूरा बस्तर लगातार इसी बात की चर्चा करता था कि नक्सलगढ़ हो गया है छत्तीसगढ़। देश में हमारी पहचान इसी प्रकार से थी कि लोग रायपुर में उतरते ही नक्सलियों से उनका सामना करना न पड़ जाये। हम लोगों ने देखा सारकेगुड़ा की घटना, चिंतागुफा की घटना, अन्य सारी घटनायें रीजगांव की घटनायें, मदनवाड़ा की घटना, दरभा की घटना पिछला भाजपा का 15 साल छत्तीसगढ़ लाल आतंक का साया था। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के केवल इन 4 सालों में जिसमें 2 साल कोरोना के कारण निकल गये। इतना विकास के काम हुये। मुख्यमंत्री ने इस प्राब्लम को सोशल इकोनॉमी प्रॉब्लम समझा वहां के बेरोजगारों के लिये रोजगार अवसर उपलब्ध कराये। माइनस फारेस्ट प्रोड्युस की खरीदी सारे हिन्दुस्तान की टोटल खरीदी का 72 प्रतिशत केवल छत्तीसगढ़ से होती है। हमने उनके इकोनॉमी को बुस्टबू किया। वहां के नौजवानों को रोजगार दिया। वहां के डेवलपमेंट के सारे काम किये और अब छत्तीसगढ़ से लाल आतंक लगभग समाप्त हो गया।  एकाध विकासखंड के किसी कोने में दिखाई दे तो अलग बात है। तीसरा सबसे बड़ी उपलब्धि छत्तीसगढ़ की लाल आंतक की जो पहचान बनी थी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पहचान को बदल दिया।

चौथी हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि हमारे योजनाओं के बारे में उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धतायें हो सकती है। लगातार रोज ट्वीट करने वाले भाजपा के नेता हमारी सारी योजनाओं की आलोचना करते है। लेकिन इस बात को कहने में बहुत खुशी होती है कि हमारी सभी योजनाएं कुपोषण से मुक्ति का अभियान, हमारी मेडिकल मोबाईल यूनिट, हाट बाजार क्लिनिक, गोधन न्याय योजना, खेतिहर मजदूर न्याय योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई के पूरे प्रदेश की योजना, महिला बाल विकास  विभाग की योजना बहुत सारी योजनाओं को जिक्र नहीं कर रहा हूं। लेकिन इन सारी योजनाओं को राष्ट्रीय प्लेट फार्म में सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में गिना गया है और इन सारी योजनाओं को देश केंद्र की सरकार कहीं और एजेंसी की बात नहीं कर रहा हूं केंद्र की सरकार ने हमारी इन सारी योजनाओं को प्रशंसित ही किया है ऐसा नहीं पुरस्कार करके सम्मानित किया है। ये छत्तीसगढ़ के चार साल का सबसे बड़ा गौरव हमारी सारी योजनाओं को कृषि कर्मण पुरस्कार से ले करके, कृषि के उत्पादन से ले करके, स्वामीआत्मानंद स्कूल से ले करके हमारी जितनी भी योजनायें है उसको केंद्र सरकार ने स्वयं प्रशंसा किया और पुरस्कृत किया। आप लोग हर महीना मीडिया में एक खबर जरूर छापते है कि छत्तीसगढ़ की इस योजना को केंद्र सरकार ने सम्मान दिया और पुरस्कार दिया। हम लोग बहुत लोग है जो प्रधानमंत्री जी से पुरस्कार प्राप्त कर चुके है।

पांचवा सबसे बड़ा सरकार की उपल्बधि है, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष की सोच है वो अन्य सरकारों से भिन्न है। 1 लाख 50 हजार करोड़ छत्तीसगढ़ के किसानों को गरीबो को और वनोपज संग्रहण करने वाले साथियों और मजदूरो को 1 लाख 50 हजार करोड़ सरकार ने सीधा ट्रांसफर किया है। पिछली सरकार ने कहा कि हमने विकास किया लेकिन कही डीओफो के स्विंमिग पूल को विकास माना, अधूरे स्काई वाक को विकास माना, चार साल इसकी मरम्मत नहीं हो सकी उसको विकास माना और इसे भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबका स्वरूप बदला। यहां रहने वाले लोगो के जेब में पैसा पहुंचना चाहिये। 1 लाख 50 हजार करोड़ गांव के गरीबो को पहुंचा है तो गांव की इकोनामी दूर से दिखाई दे रही है। इन चार सालों में बहुत विकास हुआ है। इन पैसो के कारण गांव में व्यवसाय बढ़ा है और इसी पैसो के कारण शहरो में बाजार गुलजार दिख रहा है, अमन चैन दिख रहा है।  

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