September 29, 2024

पार्टी से रूठे और असंतुष्ट नेताओं को मानाने भाजपा बनाएगी एक टीम

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भोपाल
 पार्टी में अनदेखी और अपमान से नाराज चल रहे असंतुष्ट नेताओं को साधने बीजेपी एक कमेटी बनाकर उन्हें साधने का काम करेगी। ऐसे नेताओं से उनकी नाराजगी का कारण पूछकर उसे दूर करने का काम पार्टी अभी से करेगी ताकि विधानसभा चुनाव के समय ऐसे नेताओं और उनके समर्थकों के विरोध के चलते पार्टी को नुकसान का सामना नहीं करना पड़े। पार्टी द्वारा इसको लेकर जल्द ही एक कमेटी का गठन कर ऐसे नेताओं के साथ बैठकें करने और मान मनौव्वल के काम कराए जाएंगे।

संगठन सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व ने भी पिछले दिनों हुई बैठक में इस तरह की वर्किंग पर जोर देने के निर्देश प्रदेश अध्यक्षों और प्रदेश संगठन महामंत्रियों को दिए हैं। संगठन ने कहा है कि चुनाव के समय ही नाराज नेताओं की पूछ परख करने से उनमें यह भावना बनी रहती है कि चुनाव के कारण ही संगठन उनसे संवाद कर रहा है और उनकी पूछ परख बढ़ा रहा है। ऐसे में वे वरिष्ठ नेताओं की समझाईश पर मान तो जाते हैं पर खुले मन से संगठन के कामों में शामिल नहीं होते हैं। इसलिए प्रदेश संगठन से कहा गया है कि इसके लिए दिसम्बर खत्म होने के पहले कमेटी बना दी जाए जो जनवरी 2023 से इसके लिए काम शुरू कर दे। इसीलिए केंद्रीय संगठन के निर्देश पर भाजपा जल्द ही प्रदेश के संगठन प्रभारी की अध्यक्षता में कमेटी का ऐलान करेगी जिसमें दो अन्य वरिष्ठ नेता रहेंगे जो सर्वमान्य छवि वाले हैं।
 
मंडल और विधानसभा स्तर पर तैयार होगी सूची
पार्टी सूत्रों का कहना है असंतुष्टों की नाराजगी दूर करने के लिए गठित होने वाली कमेटी हर मंडल और जिला स्तर पर सूची तैयार करेगी जो पार्टी से किसी न किसी रूप में नाराज हैं। इसमें खासतौर पर पार्टी के विधायक, मंंत्री और अफसरों की अनदेखी से नाराज होने वाले नेताओं को चिन्हित किया जाएगा। समिति यह भी पता करेगी कि इन नाराज नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए मंडल और जिला स्तर पर क्या प्रयास जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा किए गए हैं? ऐसे नेताओं की सहमति के बाद नाराजगी दूर करने को लेकर प्रयास नहीं करने वाले पदाधिकारियों पर कार्यवाही भी की जाएगी।

निकाय चुनाव के हरे जख्म बनेंगे दिक्कत
प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनावों को लेकर सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जो नेता नाराज हैं वे संगठन की अनदेखी के साथ पंचायत और नगर निकाय चुनाव में अपने समर्थकों के लिए टिकट न दिला पाने और संगठन की गाइडलाइन के चलते बगावत करने वाले समर्थकों के लिए काम नहीं कर पाने से असंतुष्ट हैं। इनके जख्म अभी हरे हैं और इसीलिए संगठन के लिए ऐन चुनाव तक इन्हें साधने के लिए पूरी ताकत लगानी होगी।

जिलाध्यक्षों की अनुभवहीनता और अपमान भी वजह
जिलों में पार्टी के अधिकांश वरिष्ठ नेता इसलिए भी संगठन से असंतुष्ट हैं क्योंकि पार्टी ने जिन्हें जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है, वे वरिष्ठ नेताओं का आदर करने की बजाय अपनी लाइन बनाने में जुटे रहे। कई ऐसे मौके आए हैं जब जिला अध्यक्षों की शिकायत प्रदेश संगठन तक पहुंची है जिसमें वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज करने और उनका अपमान करने में भी अनुभवहीन जिलाध्यक्ष पीछे नहीं रहे।

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