डॉ.अनुराग पाठक के लिखे उपन्यास पर बन रही फिल्म
ग्वालियर.
‘12वीं फेल’ यूं तो एक फिल्म है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसका मुरैना की माटी की महक और ग्वालियर के गुणों की गंध से गहरा नाता है। फिल्म की कहानी और किरदार दोनों ही ग्वालियर-चंबल अंचल के रंग-ढंग में रचे-बसे हैं। दरअसल यह कहानी हैं मुरैना जिले की जौरा तहसील के छोटे से कस्बे ‘बिलगांव’ में जन्मे और ग्वालियर की गलियों में संघर्ष कर निखरे आईपीएस मनोज कुमार शर्मा के जीवन की, जिसे ग्वालियर से निकले उनके ही अभिन्न मित्र डिप्टी कमिश्नर (जीएसटी) डॉ.अनुराग पाठक के लिखे उपन्यास के आधार पर बनाया जा रहा है। फिल्म की अधिकांश शूटिंग मुरैना और ग्वालियर की पृष्ठभूमि पर ही आधारित है।
दोस्त ने भरा जज्बा यूपीएससी क्रेक किया
महाराष्टÑ कैडर के आईपीएस बने मनोज कुमार शर्मा शुरुआत में पढ़ाई में बेहद कमजोर थे। इतने कमजोर कि 12वीं की परीक्षा में फेल तक हो गए थे, लेकिन यहीं असफलता और सच्चे दोस्त के रूप में मिले डॉ.अनुराग पाठक के साथ ने उनके जीवन में ऐसा जज्बा भरा कि '12वीं फेल' वही छात्र ग्वालियर से निकलकर दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहते हुए इतना पढ़ा कि यूपीएससी एग्जाम को भी क्रेक कर दिया। जबकि साथ निभाने वाले दोस्त (डॉ.अनुराग पाठक) मप्र के प्रशासनिक अधिकारी बने। महाराष्टÑ कैडर के आईपीएस बने मनोज शर्मा डेप्यूटेशन पर सीआईएसएफ में डीआईजी की कमान संभाल रहें हैं। वहीं डॉ.अनुराग पाठक इंदौर में डिप्टी कमिश्नर जीएसटी है।
कामयाबी की कहानी बनी बेस्ट सेलर उपन्यास
फिल्मी कहानी जैसी लगने वाली आईपीएस मनोज शर्मा की जिंदगी की इसी हकीकत को उनके दोस्त डॉ.अनुराग पाठक ने एक उपन्यास ट्वेल्थ फेल- हारा वही जो लड़ा नहीं के रूप में गढ़ा, अब इसी उपन्यास के आधार पर आईपीएस मनोज शर्मा की संघर्षशील जिंदगी बड़े पर्दे पर एक फिल्म के रूप में जल्द नजर आएगी। मशहूर निर्देशक विधु विनोद चौपड़ा इसी उपन्यास पर 12वी फेल फिल्म का निर्माण कर रहें है।