‘जवानों के लिए पिटाई शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए’…… राहुल गांधी के बयान से नाराज विदेश मंत्री जयशंकर
नईदिल्ली
भारत सैनिकों पर राहुल गांधी के बयान पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने नाराज दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है लेकिन हमें अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए। जब मैं देखता हूं कि कौन सलाह दे रहा है तो मैं केवल झुक सकता हूं और सम्मान कर सकता हूं। जवानों के लिए पिटाई शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की आलोचना नहीं करनी चाहिए। हमारे जवान यांग्त्से में 13हजार फीट की ऊंचाई पर खड़े होकर हमारी सीमा की रखवाली कर रहे हैं। उनका सम्मान और सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो भारतीय सेना को सीमा पर किसने भेजा। अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो आज चीन पर डी-एस्केलेशन और डिसइंगेजमेंट के लिए दबाव क्यों बना रहे हैं? हम सार्वजनिक रूप से क्यों कह रहे हैं कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं?
एस जयशंकर ने जोर देकर कहा है कि सेना के लिए पिटाई जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है। वे इस प्रकार की भाषा के हकदार नहीं हैं। वे कहते हैं कि मैंने सुना है कि कुछ लोग मेरी समझदारी पर सवाल उठा रहे हैं। जब पता चलता है कि ये सुझाव कहा से आ रहा है, मैं सिर्फ सम्मान में झुक सकता हूं. लेकिन जवानों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निशाने पर नहीं लेना चाहिए। हमारे जवान तो 13000 फीट की ऊंचाई पर सीमा की रक्षा कर रहे हैं। उनके लिए पिटाई जैसे शब्द का इस्तेमाल करना ठीक नहीं। उनके लिए इस शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
जयशंकर का राहुल को दो टूक जवाब
एस जयशंकर ने जोर देकर कहा है कि सेना के लिए पिटाई जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है. वे इस प्रकार की भाषा के हकदार नहीं हैं. वे कहते हैं कि मैंने सुना है कि कुछ लोग मेरी समझदारी पर सवाल उठा रहे हैं. जब पता चलता है कि ये सुझाव कहा से आ रहा है, मैं सिर्फ सम्मान में झुक सकता हूं. लेकिन जवानों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निशाने पर नहीं लेना चाहिए. हमारे जवान तो 13000 फीट की ऊंचाई पर सीमा की रक्षा कर रहे हैं. उनके लिए पिटाई जैसे शब्द का इस्तेमाल करना ठीक नहीं. उनके लिए इस शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
राहुल गांधी ने क्या बोला था?
अब जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले मीडिया से बात करते वक्त राहुल गांधी ने भारत-चीन सीमा विवाद पर विस्तार से बात की थी. उन्होंने साफ कहा था कि भारत सरकार सो रही है और चीन लगातार आक्रमक नीति अपना रहा है. उन्होंने बोला कि चीन के मामले पर सरकार लगातार इग्नोर कर रही है. हिंदुस्तान की सरकार सोई हुई है और चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है. चीन ने हमारे 2 हजार किमी स्क्वायर को कब्जा लिया है और हमारे जवानों को पीट रहे हैं.
वैसे इस समय सिर्फ राहुल गांधी के बयान को लेकर ही चर्चा नहीं हो रही है, AIMIM चीफ असदद्दीन ओवैसी की तरफ से भी तल्ख टिप्पणी देखने को मिल रही है. वे सेना को तो मजबूत बता रहे हैं, लेकिन भारत सरकार को कमजोर बता रहे हैं. उन्होंने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि हमारी सेना तो बहादुर है, लेकिन हमारी सरकार कमजोर है. मैं संसद में बहस की मांग करता हूं. तमाम एकजुट विपक्ष इसकी मांग करता रहा है. क्या इस सरकार ने गलवान झड़प के दौरान देश से झूठ नहीं बोला है? सरकार संसद में बहस से क्यों भाग रही है, सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से सामने आना चाहिए और तथ्यों को देश के सामने प्रकट करना चाहिए.