आरटीओ के अफसर, कर्मचारी और एजेंट की मिलीभगत से आम आदमी खुलेआम ठगा रहे
भोपाल
परिवहन विभाग ने कुछ साल पहले डीलर्स प्वाइंट सिस्टम इस उद्देश्य से शुरू किया था, ताकि आरटीओ में नए वाहन खरीदने वाले वाहन मालिक का सारा काम ऑनलाइन हो सकें और लोगों को बिना परेशान हुए एक ही स्थान पर सारी सुविधाएं मिल सकें। लेकिन विभाग की इस बहुउद्देश्यीय योजना पर शहर के दर्जनों वाहन बेचने वाली कंपनियां और आरटीओ में सक्रिय एजेंट बट्टा लगा रहे हैं। ऑनलाइन सिस्टम पर ये लोग वाहन खरीदने वाले उपभोक्ताओं से अधिक राशि वसूल रहे हैं, जो सीधे एजेंटों की जेब में जाती है। इस पूरे क्रॉकस में आरटीओ के अफसर, कर्मचारी और एजेंट शामिल हैं, जिनकी मिलीभगत से आम आदमी को खुलेआम ठगा जा रहा है।
च्वाइस पर भी अधिक राशि
परिवहन विभाग ने वीआईपी नंबर और च्वाइस नंबर को लेकर गाइडलाइन जारी की है। इसमें वीआईपी नंबर की कैटेगरी में दो पाहिया और चार पाहिया वाहनों के रेट अलग-अलग हैं। इसी तरह, च्वाइस नंबर पर दो पाहिया वाहन के लिए 2000 और चार पाहिया के लिए 5000 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। लेकिन शहर के डीलर्स इस सुविधा के लिए भी उपभोक्ताओं से अधिक राशि वसूलते हैं।
ऐसे करते हैं नियमों का उल्लंघन
विभाग द्वारा तय नियम के अनुसार जब वाहन मालिक दो या चार पाहिया वाहन डीलर्स से खरीदता है, तो उसे ऑन रोड वाहन की कीमत अदा करनी पड़ती है। इसमें वाहन की राशि, रजिस्ट्रेशन शुल्क और बीमा की राशि की कीमत शामिल रहती है। लेकिन शहर के डीलर्स खुलेआम वाहन खरीदने वाले व्यक्ति से आरटीओ खर्च के नाम पर 1000 रुपए से लेकर 3000 रुपए तक वसूलते हैं। यह राशि आरटीओ में सक्रिय डीलर्स के एजेंट को दिया जाता है, लेकिन यह नियमों के विरूद्ध हैं। जनता को खुलेआम ठगा जा रहा है।
तत्काल करेंगे कार्रवाई
डीलर्स प्वाइंट सिस्टम को ब्रेक करने और आम उपभोक्ताओं से ज्यादा राशि वसूलने को लेकर यदि ऐसी कोई शिकायत उपभोक्ता डीलर्स के बारे में करता है, तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। शासन द्वारा तय राशि से यदि डीलर्स वसूल रहे हैं तो उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा।
संजय तिवारी, आरटीओ