रेलवे चिकित्सालय में मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम हुआ लागू
नई दिल्ली
ललित नारायण मिश्र केन्द्रीय रेलवे चिकित्सालय, गोरखपुर उन्नत तकनीकी की आधुनिक चिकित्सा मशीनों की सहायता से रेल कर्मियों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु निरन्तर प्रयत्नशील है। मरीजों की बेहतर चिकित्सा सुविधा हेतु अनेक उपाय किये जा रहे हैं तथा आधुनिक जांच मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिये चिकित्सालय में हास्पिटल मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम लागू की गयी है।
इस रेलवे चिकित्सालय के बहिरंग विभाग में रेल कर्मियों की सुविधा हेतु उन्नत तकनीकी पर आधारित आधुनिक प्रक्रिया के अन्तर्गत क्यू.आर. कोड का प्रावधान किया गया है। यह क्यू.आर. कोड प्रत्येक चिकित्सक कक्ष के बाहर लगाया गया है। रोगी रेलकर्मी उपचार हेतु दिखाये जाने वाले डाक्टर के कक्ष के बाहर लगे क्यू.आर. कोड को एच.एम.आइ.एस. मोबाइल एप से स्कैन कर डाक्टर को दिखाने के लिये रजिस्ट्रेशन करा सकते है। इसके अतिरिक्त संबंधित डाक्टर को दिखाने के लिये रजिस्ट्रेशन काउन्टर पर भी इस तरह की व्यवस्था की गयी है। रजिस्ट्रेशन के उपरान्त डाक्टर ऑनलाइन ही सभी जांच रिपोर्ट देखकर दवा लिख देते है, जिसे ऑनलाइन दवा काउन्टर से प्राप्त की जा सकती है। ऑनलाइन पैथालाजी जांच रपट ऑनलाइन चिकित्सक को उपलब्ध हो जाती है। इसके अतिरिक्त आगे जब भी डाक्टर उपचार करेंगे तो उन्हें रोगी का सारा जांच रिपोर्ट एवं दवा का विवरण ऑन लाइन दिख जायेगा। जिससे रोग का इतिहास जानकर उपचार करने में डाक्टर को सुविधा होगी तथा रोगी को रजिस्ट्रेशन हेतु अनावश्यक कतार में नहीं लगना पड़ेगा। यहां तक कि लोकल पर्चेज की दवाएं भी डाक्टर द्वारा ऑनलाइन ही लिख दी जाती है, जिसे निर्धारित समय में संबंधित काउन्टर से दवा प्राप्त किया जा सकता है। क्यू.आर. कोड रजिस्ट्रेशन की सहायता से मरीज रेफरल रेलवे अस्पताल में भी चिकित्सक को दिखाकर उपचार करा सकता है। दवा प्राप्त होने पर मरीज के मोबाइल पर एच.एम.आइ.एस. के माध्यम से दवा प्राप्ति का विवरण एवं जांच रिपोर्ट देखी जा सकती है।
रेलवे चिकित्सालय के रेडियोलॉजी विभाग में 25.25 लाख की लागत से मरीजों की सुविधा हेतु आधुनिक ''कम्प्यूटेड रेडियोलॉजी सिस्टम'' का प्रावधान किया गया है। इस मशीन से प्रतिदिन डिजिटल 80-90 एक्स-रे होते है। इस मशीन के लग जाने से अधिकतम मरीजों का का एक्स-रे किया जा सकता है तथा इसकी रिपोर्ट भी शीघ्र प्राप्त हो जाती है। इसके अतिरिक्त 35.15 लाख की लागत से रेडियोलॉजी विभाग में आधुनिक अल्ट्रासोनिक मशीन अल्ट्रासाउण्ड हेतु लगाया गया है। इस मशीन से प्रतिदिन 25-30 मरीजों का अल्ट्रासाउण्ड होता है एवं फेक्टल वेल विंग जांच भी होता है। इस मशीन में कलर डाप्लर की भी सुविधा उपलब्ध है।