नियमों के तहत हो रही कार्रवाई लोकायुक्त एक्टिव, प्रदेश के तीन IAS ने नहीं दी सम्पत्ति की जानकारी
भोपाल
प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के विरुद्ध 15 साल से विभागीय जांच पेंडिंग हैं और सरकार इसका निराकरण नहीं कर पा रही है। इस सेवा के दायरे में आने वाले 23 ऐसे अधिकारी हैं जिनकी जांच अप्रेल 2022 की स्थिति में लंबित है। इसमें डिप्टी कलेक्टर से लेकर अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी शामिल हैं। सरकार ने कहा है कि अफसरों के खिलाफ पेंडिंग जांच कब तक पूरी हो पाएगी, इसकी समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विधायक नारायण त्रिपाठी द्वारा किए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से लिखित जवाब में बताया गया है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के जिन अधिकारियों के विरुद्ध दीर्घ व लघु शास्ति के संभागायुक्त स्तर पर लंबित मामलों की जानकारी सरकार के पास नहीं है। राज्य प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों की पदोन्नति उनके विरुद्ध चल रही जांच के चलते लंबित है। जिम्मेदार अधिकारी के बचाव में प्राप्त प्रतिवाद उत्तर, गवाहों के बयान, संबंधित विभाग या कार्यालय से प्राप्त अभिमत के परीक्षण के उपरांत गुण दोष के आधार पर जांच का निराकरण किया जाता है। विभागीय जांच की प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक होने से समय लगता है। इसलिए इस मामले में किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
प्रदेश के तीन IAS ने नहीं दी सम्पत्ति की जानकारी
प्रदेश के तीन आईएएस अधिकारी ऐसे भी है जिन्होंने वर्ष 2018 से 2022 के बीच अपनी सम्पत्ति का विवरण सामान्य प्रशासन विभाग के समक्ष प्रस्तुत हीं नहीं किया है। इन अधिकारियों में 2009 बैच के आईएएस शिवपाल, 2012 बैच के संतोष कुमार वर्मा और 2015 बैच की रानी बंसल ने अपनी अचल सम्पत्ति का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है। विधायक डॉ सतीश सिकरवार के सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह जानकारी दी है। वे 31 जनवरी 2022 को सेवानिवृत्त हो चुके है तब तक उन्होंने यह जानकारी नहीं दी थी। संतोष कुमार वर्मा ने एक जनवरी 2022 की स्थिति में वर्ष 2021 का आईपीआर नहीं दिया है। वर्तमान में वे निलंबित चल रहे है। 24 मार्च 2022 को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। आईएएस रानी बंसल ने एक जवनरी 2021 और एक जनवरी 2022 की स्थिति में वर्ष 2020 और 2021 के आईपीआर नहीं दिए है। वे 31 मई 2019 के बाद अभी तक अनाधिकृत रुप से नौकरी से अनुपस्थित चल रही है उनके मामले मे भारतीय सेवा अवकाश नियम के तहत उनका स्वत: त्यागपत्र (डीम्ड रिजाइन) किए जाने की कार्यवाही हेतु भारत सरकार को लिखा गया है।