मवेशी तस्करी मामले में अनुब्रत मंडल को 7 दिन की पुलिस हिरासत
कोलकाता
करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल को दिल्ली ले जाने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कोशिशों को मंगलवार को झटका लगा। बीरभूम जिले की एक निचली अदालत ने हत्या के प्रयास के मामले में अनुब्रत मंडल को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। हत्या का प्रयास 2021 में हुआ था और इसकी एफआईआर सोमवार शाम को ही दर्ज की गई थी।
सोमवार दोपहर नई दिल्ली में राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को अनुब्रत मंडल को राष्ट्रीय राजधानी ले जाने और वहां एजेंसी के मुख्यालय में पशु तस्करी घोटाले के संबंध में उससे पूछताछ करने के लिए पेशी वारंट जारी किया था।
मंडल को बीरभूम जिले के दुबराजपुर की निचली अदालत में पेश किए जाने के बाद मंगलवार को लोक अभियोजक ने 14 दिन की पुलिस हिरासत का अनुरोध किया। सरकारी वकील ने दलील दी कि हत्या के प्रयास से जुड़े ताजा मामले में जांच के उद्देश्य से मंडल को पुलिस हिरासत में लेने की जरुरत है।
हालांकि, मंगलवार सुबह इस मामले में मंडल के किसी भी वकील ने जमानत के लिए अर्जी नहीं दी। मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने मंडल को सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उनकी न्यायिक हिरासत सोमवार शाम को दुबराजपुर पुलिस स्टेशन में तृणमूल कांग्रेस के पंचायत सदस्य, शिबठाकुर मंडल द्वारा दायर एक शिकायत से संबंधित थी, जिसमें अनुब्रत मंडल पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया था।
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि करोड़ों रुपये की पशु तस्करी की जांच कर रहे ईडी के अधिकारियों ने घटनाक्रम पर गौर किया है। ईडी के एक अधिकारी ने कहा, हमने अपने उच्च अधिकारियों को अपने मुख्यालय में पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है। हमारे कानूनी जानकार भी इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं और उसी के अनुसार कदम उठाए जाएंगे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील कौशिक गुप्ता ने कहा कि अगर नया मामला ईडी को अनुब्रत मंडल को नई दिल्ली ले जाने से रोकने के लिए है, तो वो लंबे समय तक इससे बच नहीं पाएंगे।
गुप्ता ने कहा, पुलिस हिरासत अवधि की एक सीमा है। अब यह सात दिन है और बाद में यह और सात दिन हो सकती है। इसलिए, मेरी राय में मंडल अपनी नई दिल्ली यात्रा को फिलहाल के लिए स्थगित करने में सक्षम हो सकते हैं, लेकिन लंबे समय में इसे रोकने में कामयाब नहीं होंगे।