नगरीय प्रशासन मंत्री ने 5.65 करोड़ के विकास कार्यों की दी सौगात
रायपुर
नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने रायपुर जिले के विकासखण्ड आरंग के ग्राम नरदहा में गुरू घासीदास जंयती में शामिल हुए। डॉ. डहरिया ने गुरू बाबा घासीदास के चित्र पर माल्यार्पण कर विधिवत पूजा अर्चना की। उन्होंने जैतखाम पर पालो चढ़ाकर नारियल भेंट किया। नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने आज यहां रायपुर जिले के विकासखण्ड आरंग के ग्राम नरदहा में विभिन्न विकास कार्यों के लिए पांच करोड़ 65 लाख रूपए से अधिक के निर्माण एवं विकास का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया।
डॉ. डहरिया ने ग्राम नरदहा में शासकीय कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय भवन निर्माण एक करोड़ 20 लाख रूपए, शासकीय कन्या उच्चत्तर माध्यमिक परिसर में सी.सी रोड, नाली आहता एवं समतलीकरण 65 लाख रूपए, कुर्मी समाज सामुदायिक भवन परिसर में शेड निर्माण 19 लाख 57 हजार रूपए, धान उपार्जन केन्द्र में शेड निर्माण, चबुतरा, आहता, सी.सी. रोड़ एवं कम्प्यूटर कक्ष निर्माण 89 लाख रूपए, सामुदायिक भवन एवं आहता निर्माण साहू समाज के लिए 17 लाख 10 हजार रूपए, गयन्दराम स्कूल में अतिरिक्त कक्ष निर्माण चार लाख 71 हजार रूपए, शासकीय कन्या शाला परिसर में रंगमंच, शेड निर्माण, समतलीकरण कार्य के नौ लाख 20 हजार रूपए, शासकीय बालक शाला परिसर में रंगमंच, शेड निर्माण, उन्नयन एवं समतलीकरण 23 लाख 50 हजार रूपए के लागत कार्यों सहित अन्य निर्माण कार्य का लोकार्पण किया। इसी तरह से डॉ. डहरिया ने करीब 36 सड़क, रंगमंच, सामुदायिक भवन, पैरा शेड निर्माण, आहता निर्माण, मुक्तिधाम, तालाब, नाली निर्माण सहित अन्य निर्माण कार्यों जिनकी लागत करीब दो करोड़ 17 लाख रूपए है का भूमिपूजन किया।
नगरीय प्रशासन मंत्री ने कार्यक्रम में गुरूबाबा घासीदास का नमन करते हुए कहा कि गुरू घासीदास ने हमें समता और भाईचारे से रहने की संदेश दिया है। हमें गुरू बाबा के सत्य मार्ग और उनके बताए रास्ते पर चलकर ही देश-दुनिया का कल्याण हो सकता है। डॉ. डहरिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सभी वर्गों की विकास एवं उन्नती के कार्य किए जा रहे है। हमारी सरकार गुरू बाबा के आदर्शों पर चलकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है। छत्तीसगढ़ विद्यार्थियों किसी भी तरह से पीछे नहीं रहे इसलिए अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम से शिक्षा प्रदान करने के लिए स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले गए है।