November 28, 2024

झारखंड में सम्मेद शिखर को बचाने जैन समाज आज निकलेगा मौन रैली

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राजनांदगांव

झारखंड में स्थित जैन समुदाय के प्राचीनकालीन सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार द्वारा एवं केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा हटाने के लिये गये निर्णय के विरोध में जैन समाज ने बुधवार को शहर में मौन रैली का आयोजन किया है। इसके बाद समाज के वरिष्ठ जनों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जायेगा।

झारखंड सरकार द्वारा एवं केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा हटाने के निर्णय के विरोध में आज सकल जैन श्री संघ की बैठक आहूत की गई । जिसमें समाज के सभी मुख्य प्रतिनिधि शामिल हुए और सरकार के इस निर्णय के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए कुछ संगठित प्रयास करने का निर्णय लिया गया । बैठक में प्राचीनकालीन सम्मेद शिखर को हटाने के निर्णय को जैन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने कहा कि झारखंड में स्थित सम्मेद शिखर प्राचीन काल से संपूर्ण जैन समाज के आस्था का केंद्र रहा है । उसी तीर्थ की प्राचीनता एवं पवित्रता को नष्ट करने का निर्णय झारखंड सरकार द्वारा एवं केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा लिया गया है जो जैन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। बैठक में निर्णय लिया गया कि 21 दिसंबर शहर में सुबह10 बजे मौन रैली निकाली जायेगी जिसमें जैन समाज के सभी लोग शामिल होंगे। इसके बाद एक ज्ञापन जिला कलेक्टर  को सौंपा जायेगा। बैठक मे महामहिम राष्ट्रपति प्रधानमंत्री एवं झारखंड सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

बैठक में समाज के सभी प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए और जैन समाज को एक साथ आकर सरकार के इस निर्णय का विरोध करने की अपील की। इस बैठक में मनोज बैद,ओम कांकरिया, राजेंद्र सुराणा, अशोक झांझरी, गौतम पारख, ज्ञानचंद बाफना, उत्तम चंद बाफना, रविकांत जैन, मनीष छाजेड़, नरेश गोलछा, ज्ञानचंद कोठारी, शैलेंद्र कोठारी,नरेश बैद, रेखचंद सांखला, आकाश चोपड़ा, अक्षय मुनोत, आदि बहुत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए कुछ दिन पहले जैन समाज के प्राचीन तीर्थ जिसे आप हम सब पालीताणा के नाम से जानते हैं वहां पर भी कुछ अपराधिक तत्वों द्वारा प्रतिमा को एवं भगवान की चरण पादुकाओं को क्षति पहुंचाई गई जिसके विरोध में पालीताणा तीर्थ में लाखों की संख्या में जैन समाज के लोग पहुंचे और वहां के प्रशासन के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा गया। सभी सभी जैन समाज के बंधुओं से यह अपील की जा रही है की रैली में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर और अपने व्यवसायिक संस्थानों को आधा दिवस अवकाश रखकर इस अभियान को सार्थक और सफल बनाएं।

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