रिजिजू की हिदायत सुको की अवमानना : रिजवी
रायपुर
मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दी गई बेतुकी हिदायत को गैरवाजिब करार देते हुए कहा है कि रिजिजू ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर शीर्ष अदालत को दिया गया अमर्यादित कथन कानून मंत्री जैसे गरिमामय पद पर आसीन व्यक्ति को शोभा नहीं देता है। इस कथन से एक तरह से छोटा मुंह बडी बात की कहावत चरितार्थ होती है एवं किरेन रिरिजू को सर्वोच्च न्यायालय से माफी मांगना चाहिए, साथ ही देश की न्यायपालिका तथा देशवासियों से भी सार्वजनिक क्षमा याचना करना चाहिए। सुको भलीभांति जानता है कि उसे क्या करना है और क्या नहीं करना है।
रिजवी ने कहा है कि आजकल सत्ताधारी दल भाजपा के मंत्री एवं जनप्रतिनिधिगण पद की गरिमा को भूल कर अमर्यादित व गैरवाजिब कथन करने से नहीं चूक रहे हैं जो देश की गरिमा को कलंकित करने वाले हैं। ऐसी अमर्यादित भाषा एवं टिप्पणी को रोकने भाजपा के हुक्मरानों को कड़े कदम उठाना चाहिए। भारत निर्वाचन आयोग को भी ऐसी अशोभनीय टिप्पणियों को रोकने आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत कड़े नियम बनाना चाहिए ताकि जनप्रतिनिधिगण पद की गरिमा का उल्लंघन करने की जुर्रत न जुटा पाए। देखा जा रहा है कि सत्ता एवं पद का दुरूपयोग प्राय: हर क्षेत्र में आसानी से देखा जा सकता है। ऐसी अमर्यादित बयानबाजी एवं टिप्पणियों से भाजपा की साख दिन ब दिन गिरती ही जा रही है जो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के पतन का प्रमुख कारण बनेगा।