अमेरिकी संसद में ऐसा क्या बोले यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की कि बजने लगीं तालियां
वॉशिंगटन
रूस के साथ 10 महीने के युद्ध के दौरान पहली बार यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की विदेश दौरे पर अमेरिका पहुंचे हैं। अमेरिका में उनका शानदार स्वागत किया गया। उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बताचीत की। इसके बाद बाइडन ने कहा कि यूक्रेन कभी अकेला नहीं पड़ेगा। जेलेंस्की ने बुधवार को अमेरिकी संसद में भी भाषण दिया। उनकी बात सुनकर वहां मौजूद सांसद तालियां बजाने लगे। उन्होंने कहा, यूक्रेन के लोग जीवित हैं और सक्रिय हैं। उन्होंने कहा, यह बहुत ही सम्मान की बात है कि आप सभी अमेरिकियों से बात करने का मौका मिल रहा है। इन कठिन परिस्थितियों में भी यूक्रेन गिरा नहीं है। यूक्रेन अभी जिंदा है और मुंहतोड़ जवाब दे रहा है।
जेलेंस्की जब बोलने के लिए पहुंचे तो अमेरिकी सांसदों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया और जोरदार तालियां बजाईं। जेलेंस्की ने कहा, हमने दुनिया के दिमाग में रूस को हरा दिया है। जब जेलेंस्की भाषण दे रहे थे तब यूक्रेन का झंडा भी सदन में लहराया जा रहा था। सदन में हर कोई जेलेंस्की से व्यक्तिगत तौर पर मिलना चाहता था। बता दें कि अमेरिका ने एक बार फिर सदन में यूक्रेन की बड़ी सैन्य सहायता को मंजूरी दी है।
1874 से जारी है परंपरा
दरअसल जेलेंस्की अकेले नहीं हैं जो कि युद्ध के दौरान अमेरिकी सांसदों से मिले हैं। यह परंपरा 1874 से ही चली आ रही है। पहली बार हवाई के राजा कालाकाउआ अमेरिका पहुंचे थे। इशके बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल भी अमेरिका आए थे। यूक्रेन पर रूस के हमले को 300 से ज्यादा दिन हो चुके हैं। इस दौरान पहली बार जेलेंस्की किसी दूसरे देश पहुंचे हैं। उनके पहुंचने से पहले ही अमेरिकी संसद में यूक्रेन को 44.9 अरब डॉलर की सैन्य सहायता देने को मंजूरी दी गई है। इससे पहले भी अमेरिका लगभग 50 अरब डॉलर की मदद कर चुका है।
पोलैंड में पूर्व अमेरिकी राजदूत डेनियल फ्राइड ने कहा कि जेलेंस्की बर्लिन, ब्रुसेल्स, लंदन ना जाकर पहली बार अमेरिका पहुंचे हैं इसके पीछे यही वजह है कि रूस के खिलाफ अमेरिका की तरह कोई और खुलकर समर्थन नहीं कर पा रहा है। इस यात्रा के जरिए जेलेंस्की ने रूसी सेना को बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने बता दिया है कि इस युद्ध में अमेरिका और उसके सहयोगी, NATO देश उसके साथ खड़े हैं। जेलेंस्की का भाषण सुनने के लिए हाउस के 435 सदस्य और और सीनेट के 100 सदस्य उपस्थित थे।