November 27, 2024

चीन के मुद्दे पर जब आडवाणी से चुपचाप मिले थे प्रणव मुखर्जी…किरण रिजिजू ने बताई 2005 की बात

0

 नई दिल्ली 

तवांग सेक्टर में चीनी और भारतीय सैनिकों की झड़प के बाद विपक्ष लगातार संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की बात कर रहा था। इसी मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉकाउट कर दिया। वहीं सरकार की तरफ से कहा गया है कि रक्षा मंत्री ने सदन में बयान दे दिया है। सदन में पीयूष गोयल ने कहा कि यूपीए सरकार के समय ऐसे मुद्दों पर कभी चर्चा नहीं की गई। अब कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि 2005 में भी जब  नियम 193 के तहत इसी तरह के मुद्दे पर चर्चा की बात कही गई थी तब उनसे कहा गया था कि यह अच्छी बात नहीं है और इस तरह के मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। 

रिजिजू ने कहा, 'जब चीन के प्रधानमंत्री भारत दौरे पर आए थे तब मैं विपक्ष में था। मैंने लोकसभा में सीमा विवाद को लेकर नियम 193 के तहत चर्चा करवाने की मांग की। उस समय प्रणव मुखर्जी विपक्ष के नेता थे। उन्होंने मुझे अलग से बुलाया और कहा, यह संवेदनशील मुद्दा है औऱ संसद में चर्चा ठीक नहीं है। इससे आंतरिक तौर पर निपटना है।' उन्होंने कहा कि मुखर्जी से बात के बाद उन्होंने चर्चा के लिए सदन में दबाव नहीं बनाया। बता दें कि 9 अप्रैल से 12 अप्रैल तक साल 2005 में तत्कालीनी चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ भारत यात्रा पर थे। 

रिजिजू ने एक दूसरी घटना का जिक्र करते हुए कहा, इसके बाद जब 2006 में चीन के राष्ट्रपति भारत आने वाले थे तब अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर और लद्दाख में भी घुसपैठ की कोशिश हुई। मैंने एक बार फिर सदन में चर्चा के लिए मुद्दा उठाया। मुखर्जी ने तब भी वही बात कही और कहा कि मुझे जिस बात की जानकारी चाहिए, व्यक्तिगत तौर पर दे दी जाएगी। मैंने कहा कि यह सब हमारे विपक्ष के नेता एलके आडवाणी पर निर्भर करता है। इसके बाद मुखर्जी ने आडवाणी से बात की और हमने फैसला किया कि सदन में इसपर चर्चा के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा। चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ 20 नवंबर से 23 नवंबर के बीच भारत यात्रा पर थे। 

रिजिजू ने कहा, आज वही कांग्रेस लगातार सदन में चीन के मुद्दे पर चर्चा की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में भारतीय सीमाएं ज्यादा सुरक्षित हैं। सरकार लागातर सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा, साल 2013 में जब एके एंटनी रक्षा मंत्री थे तब उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की नीति में सीमाई क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना शामिल ही नहीं था। 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed