September 27, 2024

मेट्रो रेल के लिए आवंटित भूमि का नक्शा-आधिपत्य पत्र रिपोर्ट राज्य सरकार के पास नहीं

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भोपाल

विधानसभा में विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब से जो जानकारियां मिल रही है वो चौंकाने वाली हैं। भोपाल में मेट्रो रल डिपो के लिए ली गई जमीन का न तो नक्शा सरकार के पास है न ही उसकी अधिपत्य रिपोर्ट। उधर, साढ़े चार साल पहले हुए मंदसौर गोली कांड की जांच रिपोर्ट अभी तक विधानसभा के पटल पर नहीं रखी जा सकी है।

भोपाल के मेट्रो रेल डिपो के लिए चिन्हित की गई जमीन के नक्शे, बाजार मूल्य और आधिपत्य की रिपोर्ट राज्य सरकार के पास नहीं है। राजस्व मंत्री ने कहा है कि सवा सोलह साल पहले ग्रीन मेडोस कालोनी से सटे इस क्षेत्र की भूमि के आधिपत्य, नक्शे की जानकारी के लिए अब हाउसिंग बोर्ड के रिटायर सहायक यंत्री और तत्कालीन राजस्व निरीक्षक से संपर्क किया जा रहा है। अब तक चार पत्र लिखे जाने के बाद भी इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।

राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने विधायक हरिशंकर खटीक के सवाल के लिखित जवाब में कहा है कि कलेक्टर भोपाल द्वारा 3 मार्च 2022, 23 जून 2022, 6 सितम्बर 2022 तथा 9 नवम्बर 2022 को राजधानी में ग्रीन मेडोस से लगी मेट्रो रेल के लिए आवंटित भूमि के नजरी नक्शे, बाजार मूल्य और आधिपत्य की जानकारी मांगी गई है।

यह जानकारी सरकार के पास वर्तमान में मौजूद नहीं है क्योंकि भूमि का आधिपत्य लेने वाले हाउसिंग बोर्ड के सहायक यंत्री टीएन द्विवेदी रिटायर हो चुके हैं और उनके द्वारा करीब सवा सोलह साल पहले इस भूमि का आधिपत्य लिया गया था। सरकार ने इस मामले में तत्कालीन राजस्व निरीक्षक से भी जानकारी मांगी है पर फिलहाल सरकार के पास जानकारी नहीं पहुंची है। मंत्री के अनुसार ग्रीन मेडोस कालोनी से लगे खसरा क्रमांक 959/1 पर मेट्रो रेल परयोजना के लिए भूमि का आवंटन किया गया है।

विधायक ने सवाल किया था कि मेट्रो रेल को आवंटित जमीन पर रेल डिपो बनाने का काम कालोनी से सटाकर किया जा रहा है। इससे खतरा हो सकता है। इस पर मंत्री राजपूत ने कहा है कि नगरीय वकास एवं आवास विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मेट्रो रेल परयोजना के लिए कॉलोनी के उत्तर दिशा में बाउंड्री से सटाकर जमीन हस्तांतरित की गई है। अब यहां से 20 से 30 मीटर जमीन छोड़ना संभव नहीं है। इसलिए रेल डिपो बनाने का काम बाउंड्री से सटी जमीन के पास ही किया जाएगा। मंत्री ने यहां लगे पेड़ों के काटने की बात भी स्वीकार करते हुए कहा है कि वनीकरण के अंतर्गत 4 गुना पौधे काटे जाने वाले पेड़ों के बदौलत लगाए जाएंगे।

 

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