November 15, 2024

कैम्पा योजना में ५४४ करोड़ रूपए की वार्षिक कार्ययोजना अनुमोदित

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रायपुर

छत्तीसगढ़ में कैम्पा योजना के तहत वन क्षेत्रों की उत्पादकता बढ़ाने, वन्य प्राणी प्रबंधन और वन क्षेत्र में भू-जल संरक्षण आदि कार्य होंगे। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई बैठक में कैम्पा की वर्ष २०२३-२४ के लिए वार्षिक कार्ययोजना में ५४४ करोड़ ३९ लाख रूपए के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।

मुख्य सचिव श्री जैन ने कैम्पा की संचालन समिति की बैठक में कैम्पा के कार्यों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना वर्ष २०२३-२४ के अंतर्गत वन क्षेत्रों की उत्पादकता बढ़ाने, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, बांस वनों की पुर्नस्थापना, वन्य प्राणी प्रबंधन और वन क्षेत्र में भू-जल संरक्षण को बढ़ाने संबंधी कार्य को प्राथमिकता से शामिल किया गया है। बैठक में कैम्पा संचालन समिति एवं क्रियान्वयन समिति के सदस्यों का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ाए जाने की अनुशंसा की गई। बैठक में पी.सी.सी.एफ. श्री संजय शुक्ला भी मौजूद थे।
अधिकारियों ने बताया कि कैम्पा मद से क्षतिपूर्ति वनीकरण के साथ-साथ वन क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न वन विकास कार्य, सिल्वीकल्चर कार्य, वनों की सुरक्षा, वन्य प्राणियों के रहवास सुधार हेतु चारागाह विकास, फलदार वृक्षारोपण एवं जल स्रोतों का विकास एवं संरक्षण तथा विशेष रूप से वन क्षेत्रों में भू-जल स्तर को बढ़ाने हेतु भू-जल संरक्षण कार्य कराया जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश की महत्वपूर्ण नदियों के स्वरूप को अक्षुण बनाए रखने हेतु नदियों के किनारे वृक्षारोपण एवं जलग्रहण क्षेत्र विकास कार्य कराये जा रहे हैं।

इसी प्रकार वन क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाने के लिए वनमार्ग निर्माण एवं उन्नयन किया जा रहा है। वन विभाग के फ्रंट लाईन स्टाफ हेतु भवनों का निर्माण और वन कालोनियों में जरूरी सुविधाओं के कार्य किए जा रहे हैं। वर्ष २०१९-२० से वर्ष २०२२-२३ में अब तक २७ हजार ३०८ हेक्टेयर क्षेत्र में कैम्पा के अंतर्गत कार्य कराया गया है। कैम्पा कार्यों के क्रियान्वयन हेतु वर्ष २०२२-२३ में द्वितीय अनुपूरक के अंतर्गत ७७९ करोड़ ३७ लाख रूपए प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया था, जिसके विरूद्ध ३०० करोड़ रूपए बजट स्वीकृत किया गया है।

वन्य प्राणियों के रहवास विकास के अंतर्गत कैम्पा मद से जल स्रोतों के विकास के अतिरिक्त चारागाह विकास एवं फलदार वृक्षारोपण का कार्य किया गया है, इसके अंतर्गत ४८८९ हेक्टेयर क्षेत्र में चारागाह विकास एवं ५८२ हेक्टेयर क्षेत्र में फलदार वृक्षारोपण कार्य किया जाना है। वन क्षेत्रों में चारागाह विकास कार्य से वन्यप्राणियों को चारा उपलब्ध कराने के साथ ही आस-पास के गौठानों को चारा उपलब्ध कराया जाएगा।

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