सरगुजा को करमा एथनिक रिसार्ट और जोहार हाईवे मोटेल की मिलेगी सौगात
रायपुर
छत्तीसगढ़ में स्वदेश दर्शन योजना के तहत सरगुजा अंचल को करमा एथनिक रिसार्ट और जोहार हाईवे मोटेल की सौगात मिली है। इस परियोजना में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के कुल 13 जगहों को विकसित किया गया है। ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के तहत कमलेश्वरपुर (मैनपाट) में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन के रूप में करमा एथनिक रिसार्ट विकसित किया गया है। यह रिसार्ट सरगुजा क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश की थीम पर 21 करोड़ 37 लाख रुपये की लागत से तैयार किया गया है। राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना के लिए कमलेश्वरपुर में 46 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई थी।
बता दें छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक और सौगात मिली है। पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू मैनपाट, कमलेश्वरपुर में करमा एथनिक रिसार्ट और सोनतराई मोटेल, सीतापुर का 23 दिसंबर को लोकार्पण करेंगे। वहीं मैनपाट में पर्यटक उच्चस्तरीय सुविधाओं के साथ नए वर्ष का स्वागत कर सकेंगे।
पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू के मुख्य आतिथ्य और मंत्री टीएस सिंहदेव की अध्यक्षता में शुक्रवार को दोपहर 12 बजे करमा एथनिक रिसार्ट और सोनतराई मोटेल, सीतापुर का लोकार्पण किया जाएगा। करमा एथनिक रिसार्ट कमलेश्वरपुर (मैनपाट) में टूरिस्ट रिसेप्शन और सुविधा केंद्र, कैफेटेरिया, ओपन एम्फीथिएटर, सोवेनियर शाप, ट्रायबल इंटरप्रिटेशन सेंटर, ट्रायबल वर्कशाप सेंटर, दो इलेक्ट्रिक वीकल (आठ सीटर), इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, साइकिल ट्रैक (प्रकाशीकरण सहित) समेत उच्च स्तरीय सुविधाएं स्थापित की हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगी। सोनतराई मोटल, सीतापुर में डारमेटरी हाल, लान, कैफेटेरिया (डायनिंग हाल), स्टोर रूम, पार्किंग जैसी सुविधाओं का निर्माण किया गया है।
मैनपाट में बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या
इस योजना से मैनपाट में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। यहां पर्यटकों को रुकने के लिए अन्य आवास सुविधा के साथ ग्रामीण परिवेश में रुकने का अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध होगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार और आय के अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध होंगे। यहां स्थानीय लोगों और हस्तशिल्प कलाकारों के साथ पर्यटकों को हस्तशिल्प प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।