यूजी-पीजी कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में ,BDS में छात्राएं तो MBBS में छात्र दाखिलों में आगे…
भोपाल
मेडिकल शिक्षा विभाग के यूजी-पीजी कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। काउंसलिंग में प्रवेश लेने को लेकर चौकाने वाले आंकडे सामने आए हैं। खासकर एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में। बीडीएस की सीटों पर जहां छात्राओं ने दाखिले लिए हैं। वहीं छात्रों ने एमबीबीएस की सीटों पर प्रवेश दाखिले लिए हैं। इसी तरह एमडीएस और एमडी/एमएस में आंकड़े सामने दिखाई दे रहे हैं।
डीएमई अभी तक एमबीबीएस व बीडीएस की करीब 4260 और एमडीएस व एमडीएमएस की 1325 सीटों पर प्रवेश करा चुका है। यूजी और पीजी कोर्स में दंत चिकित्स बनने के लिये छात्राओं ने ज्यादा प्रवेश लिए हैं। जबकि मेडिकल सर्जन बनने के लिए छात्रों ने ज्यादा जोर लगाया है। काउंसलिंग के दौरान छात्रों के नीट के स्कोर ज्यादा बेहतर दिखाई दे रहे हैं। वर्तमान में डीएमई मैपअप राउंड में छात्राएं एमबीबीएस की सीटों पर प्रवेश लेने की कवायद में लगी हुई हैं। वहीं छात्र भी एमबीबीएस की सीटों पर दाखिला लेने के लिए कोई कसर नहीं छोड रहे हैं। छात्र एमबीबीएस की सीट छोड़ कर बीडीएस करने के लिये तैयार नहीं हैं। जबकि छात्राओं का कहना है कि उन्हें एमबीबीएस में प्रवेश नहीं मिलता है, तो बीडीएस की डिग्री भी ले कसती हैं।
BDS में 50% प्रवेश
बीडीएस की सीट 1320 सीटों पर 650 सीटों पर प्रवेश हुए हैं। पचास फीसदी सीटों पर प्रवेश होने का कारण छात्राएं ही हैं। क्योंकि 470 सीटों पर छात्राओं ने ही प्रवेश हैं। शेष सीटों पर छात्रों के दाखिले हैं। इसी तरह एमडीएस में 280 छात्राओं के दाखिले हुए हैं।
13 सरकारी और 9 निजी कॉलेज
प्रदेश के 13 सरकारी और नौ निजी मेडिकल कॉलेजों की एमबीबीएस की सीटों पर तीन हजार 610 सीटों पर प्रवेश हुए हैं। इसमें एक हजार 670 सीटों पर छात्राओं के दाखिले हैं। जबकि एक हजार 940 सीटों पर छात्रों के प्रवेश हुए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि एमबीबीएस में प्रवेश लेने के लिए छात्रों ने ज्यादा दम दिखाया है। बीडीएस की तरह एमडीएस में भी छात्राओं ने ज्यादा जोर लगाया है। इसमें 262 प्रवेश में से 180 सीटों पर छात्राएं हैं जबकि शेष 82 सीटों पर छात्रों के प्रवेश हुए हैं।