आवारा पशु मुक्त करने के लिए सरकार नीति तैयार करेगी
भोपाल
प्रदेश में शहरी क्षेत्रों की सड़कों, राष्टÑीय और राज्य राजमार्गों तथा सार्वजनिक स्थलों पर आवारा पशुओं गाय-बैल, कुत्ते, सुंअर के अनियंत्रित वितरण से सड़क दुघर्टनाएं और डॉग बाईट के शिकार की संख्या निरंतर बढ़ रही है।
शहरी सड़कों और सार्वजनिक स्थलों को आवारा पशु मुक्त करने के लिए राज्य सरकार एक नीति तैयार करने जा रही है। इसकी जिम्मेदारी अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान को सौंपी गई है। इसके लिए पशु मालिकों पर जुर्माने की राशि बढ़ाने और शहरों के बाहर बड़े पशु आश्रय स्थल बनाने जैसी कवायद की जाएंगी। सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान नीति बनाने के लिए स्टेक होल्डर की बैठक करा चुका है। इसके बाद विभिन्न सरकारी विभागों पशुपालन, डेयरी पालन, कुक्कुट विकास निगम और नगर निगम के अफसरों के साथ चर्चा की जाएगी। संस्थान एक फील्ड सर्वे भी कराएगा। इसके बाद संस्थान नीति बनाकर राज्य सरकार को देगा। इस नीति में पालतू पशुओं को सड़कों पर अनियंत्रित छोड़ने वाले पशुपालकों के पशुओं पर जुर्माना राशि बढ़ाई जाएगी।
पशुओं के भोजन के लिए दे रियायती राशन
स्टेक होल्डर की बैठक में सुशासन संस्थान के पास पशु कल्याण के लिए काम कर रहे प्राइवेट संस्थानों,स्वयंसेवी संस्थाओं , पशु पे्रमी,शेल्टर हाउस संचालकों और पशु चिकित्सकों ने तरह-तरह के सुझाव दिए है। पशुप्रेमियों का कहना है कि वे रोजाना पचास से साठ आवारा कुत्तों को भोजन कराते है। इसके लिए सरकार को रियायती दरों पर राशन उपलब्ध कराना चाहिए। कुछ लोगों के सुझाव थे कि पशुओं के लिए बड़े आश्रय स्थल बनाए जाएं। इनका संचालन सरकारी स्तर पर हो। इसमें पशुओं को रखने, भोजन, ईलाज की सुविधा हो। इस तरह का काम करने वाले पशुप्रेमियों ने कहा कि उन्हें सरकारी आईडी कार्य मिलना चाहिए नगर निगम में हमारा पंजीयन होना चाहिए। अभी हम सभी अपने स्तर से पशुओं की रक्षा करते है इसमें सरकारी सहयोग मिलना चाहिए। कुत्तों की नसबंदी की जाना चाहिए।