सहारा इंडिया के निवेशकों के लिए खुशखबरी, जल्द रिफंड की जाएगीं राशि !
भोपाल
सहारा के द्वारा जितनी भी कंपनियों का संचालन किया जाता है। हमारे देश के जो भी निवेशकों का करोड़ों रुपए की राशि निवेश किए हुए हैं। अब यहां पर कई साल बीत चुके हैं, लेकिन उम्मीदवारों को अपनी निवेश की गई राशि पाने का बेहद इंतजार है। यहां पर सभी उम्मीदवारों के लिए एक बहुत ही बड़ी खुशखबरी है। सभी निवेशकों की राशि रिफंड की जाएगीं। वहीं कई प्रदेशों में सहारा इंडिया के खिलाफ कार्यवाही की मांग उठ रही है। इसी बीच मप्र के मैहर के विधायक ने भी सीएम को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है।
आपको बता दूं कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड SEBI के द्वारा यहां पर जानकारी दी गई है, 138 करोड रुपए रिफंड किए जाएंगे। सहारा के द्वारा यहां पर एक आरोप भी लगाया गया है, कि भारतीय प्रति भूति नियम विनियम बोर्ड के द्वारा दो अकाउंट बनाए गए हैं। जिसके माध्यम से जो सहारा का पैसा है वह रिफंड की जाने वाली राशियों को अकाउंट में इकट्ठा किया जा रहा है। और इन अकाउंट में कुल ₹24000 करोड़ राशि हो चुकी है।
मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होनें सहारा इंडिया में फंसी निवेशकों की राशि वापस दिलाने के लिए कुछ सख्त कद उठाने के लिए कहा है। विधायक के मुताबिक सहारा इंडिया में विंध्य क्षेत्र के साथ पूरे मध्यप्रदेश के छोटे-छोटे इनिवेशकों की राशि फंसी हुई है। जिसमें गरीब, छोटे कामगार, छोटे व्यपारी और महिलाओं के मेहनत की कमी फंस गई है।
मैच्योरिटी के बाद भी पैसे ना मिलने पर लोगों में भारी असंतोष पनप रहा है। केवल सतना के जिला से ही निवेशकों की राशि करोड़ों में है। रिटर्न ना मिलने के वजह से एजेंटों और निवेशकों में विवाद हो रहा है। लोग प्राथमिकता दर्ज करवाने के लिए पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहे हैं।
इतना ही नहीं पत्र में नारायण त्रिपाठी ने सेबी की प्रक्रिया को भी धीमा बताया और कहा कि, “सहारा इंडिया से निवेशकों का पैसा वापस दिलाने में सेबी की प्रक्रिया और गति बहुत धीमी है।” उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि पैसा वापस दिलाने के लिए विशेषज्ञों और सीनियर वित्त अधिकारियों का एक समूह बनाया जाए, जो इस मुद्दे पर काम करे। विधायक ने मुख्यमंत्री से इस मामले में सक्रिय केंद्र सरकार के अलग-अलग एजेंसियों से चर्चा और हस्तक्षेप करवाने का निवेदन भी किया। ताकि लोगों की सहारा कंपनियों में फंसी राशि को वापस दिलाने में सख्त कार्यवाही हो पाए।